मोदी-पुतिन की दोस्ती देख घबरा गए जिनपिंंग! ड्रैगन ने अमेरिका समेत अमीर देशों से लगाई गुहार, जानें क्या कहा
इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात हुई, उधर-चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस का नाम लेकर अमेरिका तक से गुहार कर डाली. हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन के साथ बैठक के दौरान जिनपिंंग ने कहा, रूस और यूक्रेन को फिर से सीधी बातचीत करनी चाहिए. इसके लिए महाशक्तियों को मिलकर प्रयास करना चाहिए. एक्सपर्ट के मुताबिक, चीन के राष्ट्रपति का यह बयान इस मौके पर आना बेहद अहम है.
यूक्रेन और रूस के बीच 2 साल से ज्यादा वक्त से युद्ध चल रहा है. दुनिया के बड़े-बड़े देश भी इसे रोकने के लिए कोई प्रयास करते नजर नहीं आ रहे हैं. हंगरी के प्रधानमंत्री ओर्बन इसके लिए कोशिश कर रहे हैं. बीते दिनों उन्होंने रूस और यूक्रेन का दौरा किया था और अब अचानक वे चीन पहुंच गए. हंगरी ने इसी महीने यूरोपीय संघ की अध्यक्षता संभाली है. तब से ओर्बन एक शांति मिशन पर हैं. हालांकि, यूरोप के अन्य नेताओं का उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा है.
क्या है चीन का एजेंडा
ओर्बन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति की स्थिति बनाने में चीन एक प्रमुख शक्ति है.” ओर्बन ने बीजिंग में उतरते वक्त जो तस्वीर शेयर की, उसका कैप्शन लिखा- शांति मिशन 3.0. उन्होंने चीन को एक शक्ति बताया और उसकी पहल की तारीफ की. चीन अपनी 6 सूत्रीय एजेंडे पर काम कर रहा है. उसका दावा है कि इस पूरे मामले में वह तटस्थ देश की भूमिका निभाने के लिए तैयार है. हालांकि, व्यवहार में वह लगातार रूस को मदद देता आ रहा है.
संघर्षविराम तभी संभव जब…
शी जिनपिंग ने युद्ध रोकने के लिए दुनिया की प्रमुख शक्तियों से अपील की. कहा, संघर्षविराम तभी हो सकता है, जब दुनिया की प्रमुख शक्तियां नेगेटिव एनर्जी को भूलकर पॉजीटिव एनर्जी के साथ काम करेंगी. दो महीने पहले जिनपिंंग हंगरी भी गए थे. चीन ने हंगरी के साथ अपने रिश्ते को शानदार बताया. चीन ने उसके साथ एक रणनीतिक साझेदारी भी की, जो अब तक चीन ने सिर्फ बेलारूस, पाकिस्तान और वेनेजुएला के साथ की है.
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FIRST PUBLISHED : July 8, 2024, 23:35 IST