मौत से चंद सेकंड पहले महिला ने दिया था बयान, इस शख्स ने ली है जान, 9 साल बाद आरोपी को मिली ऐसी सजा


मेरठ : मेरठ की लोअर कोर्ट का ये फैसला मिसाल बन गया है. डाइंग डिक्‍लारेक्‍शन (DYING DECLARATION) के स्टेटमेंट को आधार बनाकर कोर्ट की ओर से यह फैसला सुनाया गया है. अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. 2015 के एक मामले में DYING DECLARATION के स्टेटमेंट को आधार बनाकर जज ने यह फैसला लिया और आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई. इस मामले में जांच अधिकारी ने पी‍ड़‍िता का कुछ वक्‍त पहले ही आखिरी बयान लिया था.

सरकारी वकील मुकेश मित्तल ने बताया कि मामले में पीड़िता की मृत्यु से पहले दिए बयान को आधार माना गया और दोषी को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई. बताया जाता है कि 2015 की अगस्त में मेरठ के रोहटा क्षेत्र की एक महिला जब घर पर अकेली थी तो केरोसिन उड़ेलकर आग लगा दी गई थी. जब महिला का पति घर पर आया तो वो उसे अस्पताल ले गया, लेकिन कुछ दिनों बाद महिला की मौत हो गई थी.

महिला ने मरने से पहले जांच अधिकारी को बयान दिया था कि कैसे उसके साथ जुर्म हुआ. इस बयान में उसने बताया था कि कैसे अमित नाम के शख्स ने उस पर केरोसिन उड़ेला था और उसे आग के हवाले कर दिया था. मरने से पहले दिए गए इस बयान को एविडेंस माना गया.

साथ ही एक्यूज़ड के हाथ केरोसिन से जलने को आधार मानकर अदालत ने ये नज़ीर वाला फैसला सुनाया. इस मामले में वादी पति आई विटनेस नहीं था. आरोपी अमित को आजीवन कारावास की सज़ा हुई और लगभग 14000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया. अभी वह जेल में है.

रोहटा क्षेत्र की रहने वाली महिला उस दौरान 65 फीसदी जली थी, लेकिन बाद में उसने दम तोड़ दिया. घटना दो अगस्त 2015 की थी, जब महिला का पति मज़दूरी करने के लिए गया हुआ था. अमित नाम का शख्स महिला के साथ बदसलूकी के इरादे से घर के अदंर दाखिल हुआ था. जब महिला ने इनकार किया तो उसने उसे केरोसिन डालकर आग के हवाले कर दिया था. मरने से पहले महिला ने बयान दिया था कि कैसे उसके साथ जुर्म हुआ. इसी डाइंग डिक्लेरेशन को आधार मानकर कोर्ट ने ये फैसला सुनाया.

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