मौसम विभाग के आधुनिक यंत्रों का प्रदर्शन, ब्लैक कार्बन मॉनिटर और सन स्काई रेडियोमीटर हैं खास


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Weather Department Exhibition: सागर में मौसम विभाग द्वारा किए गए इस आयोजन ने आधुनिक मौसम उपकरणों और पर्यावरणीय शोध के महत्व को उजागर किया है. ब्लैक कार्बन मॉनिटर और सन स्काई रेडियोमीटर जैसे उपकरण जलवायु परिवर्तन के अध्ययन में क्रांतिकारी साबित हो सकते हैं.

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अवलोकन

अवलोकन करते हुए बच्चे 

अनुज गौतम, सागर : देश में मौसम विभाग की 150 भी स्थापना दिवस की मौके पर सागर मौसम विज्ञान केंद्र पर इसे पखवाड़ा के रूप में मनाया जा रहा है, अलग-अलग हो रहे कार्यक्रमों में स्कूल और कॉलेज के बच्चों के अलावा शहर वासी भी दिलचस्पी के साथ शामिल होते नजर आए. सिविल लाइंस स्थित ऑफिस में प्रदर्शनी लगाई गई, सागर केंद्र के प्रभारी मौसम विज्ञानी विवेक छलोत्रे ने बताया कि प्रदर्शनी में केंद्र में मौजूद मौसम विज्ञान से जुड़े 14 प्रकार के यंत्रों का प्रदर्शन किया गया. जिसमें सभी को बताया गया कि दिन का अधिकतम न्यूनतम तापमान कैसे मापा जाता है, हवाएं कितनी तेज चल रही हैं, वर्षा मापने का कौन सा यंत्र है, हवाओं में आद्रता कैसे मापी जाती है वायु में दाब कितना है यह सारी चीज विस्तार से समझाया, इस दौरान आए आगंतुकों को सहायक वैज्ञानिक पूजा यादव, दिलीप सिंह, अमन मिश्रा तथा महेंद्र प्रताप भदौरिया ने मौसम विभाग की कार्यप्रणाली और यंत्रों के संबंध में सभी को जानकारी दी.

विवेक छालोत्रे ने यह भी बताया कि सागर केंद्र पर कई उपकरण ऐसे हैं जो काफी पुराने हैं इसके साथ ही कुछ ऐसे उपकरण हैं जो देश में महज कुछ जगह पर ही मौजूद है.

एआरटीएच सेंसर- यह तापमान और आर्द्रता का स्वचलित तरीके से मापता है. यह हर सेकंड तापमान और आर्द्रता की जानकारी देता रहता है.
डिजिटल स्टैंडर्ड बेरोमीटर– यह एक माइक्रो मैकेनिकल सेंसर है, जो दबाव मापने के लिए अपने सिलिकॉन मेम्ब्रेन में आयामी परिवर्तनों का उपयोग करता है.

स्वचलित मौसम स्टेशन – इसका उपयोग विभिन्न मौसम मापदंडों मसलन तापमान, आद्रता, हवा की गति, वर्षा और वायु दाब की निगरानी के लिए किया जाता है.

सन स्काई रेडियोमीटर – ये प्रत्यक्ष सौर माप प्राप्त करने में उपयोग होता है. यह एक एकीकृत सूर्य ट्रैकर है जो सीधे सूर्य या सूर्य से दूर निर्दिष्ट कोणों पर माप लेने में मदद करता है.

ब्लैक कार्बन मॉनिटर : यह एक स्वचलित उपकरण है, जो एथेलमेट्री द्वारा एरोसोल ब्लैक कार्बन की उपस्थिति का पता लगाता है और उसकी मात्रा निर्धारित करता है.

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मौसम विभाग के ब्लैक कार्बन मॉनिटर-सन स्काई रेडियोमीटर हैं खास, सागर में…



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