यहां कसरत करते दिख रहे गणेशजी, किसी जिम से कम नहीं सागर का ये पंडाल, Video


सागर: मध्य प्रदेश के सागर में वैसे तो 300 से अधिक पंडालों में भगवान गणेश की प्रतिमाएं विराजमान हैं. लेकिन, शहर के अंबेडकर वार्ड में रोप मलखंब पर विराजी भगवान गणेश की अद्भुत प्रतिमा आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. यहां विघ्नहर्ता भगवान गणेश को योग मुद्रा में दिखाने का प्रयास किया गया है.

वहीं, इस पंडाल में अखाड़े से जुड़ी चीजों को रखा है. जैसे मुग्दर, ढाल, तलवार, मिट्टी, डंबल आदि, जो लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का संदेश दे रहे हैं. इस प्रतिमा के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. यहां श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान को झूला भी झुलाया जाता है.

व्यायाम शाला को देखकर मिली प्रेरणा
भगवान गणेशजी की मलखंब पर विराजी अद्भुत प्रतिमा श्री वक्रतुंड बाल गणेश समिति द्वारा स्थापित की गई है. यहां की वीर अभिमन्यु व्यायाम शाला के बच्चे मलखंब में निपुण हैं. समिति को इसी से इस मुद्रा की प्रतिमा स्थापित करने की प्रेरणा मिली. योग और व्यायाम के साथ बुंदेली संस्कृति को समेटे इस प्रतिमा के पूरे पंडाल को व्यायाम शाला यानी अखाड़े का रूप दिया गया है. यह प्रतिमा अंबेडकर वार्ड के धर्मपुरा में विराजमान है.

25 दिन में ट्रॉली पर तैयार की झांकी
समिति के अध्यक्ष कार्तिक जाट बताते हैं कि 2014 में गणेश जी रखने की शुरुआत हुई थी. यहां की विशेषता है कि हर बार झूले पर ही भगवान गणेश को विराजमान करते हैं. लेकिन उसका तरीका हर बार अलग होता है. इस बार हम लोगों को व्यायाम शाला से इसकी प्रेरणा मिली. इस तरह की प्रतिमा को तैयार करने में करीब 25 दिन का समय लगा है. करीब 45,000 रुपये में झांकी तैयार हुई है.

क्या होता है मलखंब
मलखंब दो प्रकार के होते हैं. एक जमीन में गाड़कर उस पर चढ़ाई करते हुए प्रदर्शन करते हैं. दूसरा दलखंब (रोप मलखंब) होता है, जो हवा में लटका हुआ होता है. इस पर प्रदर्शन किया जाता है. बिना अभ्यास के इस पर प्रदर्शन करना बेहद कठिन होता है. लेकिन, अभ्यास करने वालों के लिए यह खेल बन जाता है. यह स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इससे हमेशा शरीर में तंदुरुस्ती बनी रहती है. देसी पहलवान भी इनका उपयोग करते

Tags: Ganesh Chaturthi, Local18, Sagar news



Source link

x