यहां बन रही गोबर की घड़ियां! ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका तक है डिमांड, जानिए क्या है खासियत 


सागर: महिलाओं द्वारा गाय के गोबर से कई तरह के उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें से एक दीवार को आकर्षक लुक देने वाली घड़ी भी शामिल है. अलग-अलग डिज़ाइन में एक से बढ़कर एक गोबर की घड़ियाँ इन महिलाओं द्वारा तैयार की जा रही हैं, जो भारत ही नहीं, अमेरिका को भी इनका दीवाना बना रही हैं. अमेरिका से इन दीवार घड़ियों की खूब डिमांड आ रही है, जिनकी सप्लाई देश के कोने-कोने में तो हो ही रही है, बल्कि ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और लंदन में भी भेजी जा रही हैं.

पर्यावरण संरक्षण और स्वावलंबन
दिवाली से पहले महिलाओं के इस ग्रुप ने करीब 5000 गोबर की घड़ियाँ बनाई हैं, जिनकी सप्लाई भी लगभग 90% हो चुकी है. उनकी फिनिशिंग और डिज़ाइनिंग लोगों को काफी पसंद आती है. दीवार की घड़ियों की कीमत 200 से लेकर 1500 रुपए तक है. दरअसल, पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्य करने वाली विचार समिति के द्वारा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए भी काम किया जा रहा है. उनके द्वारा शहर की 750 महिलाओं को इससे जोड़ा गया है, जो गोबर से मूर्तियाँ, शुभ लाभ, दीप, श्री यंत्र, मालाएँ, शील्ड आदि चीजें तैयार करती हैं.

आत्मनिर्भरता की ओर कदम
विचार समिति की कार्यकारी अध्यक्ष सुनीता जैन अरिहंत ने बताया कि समिति से जुड़ी हर महिला आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही है. जो महिलाएं लगातार साल भर काम करती हैं, उन्हें औसतन 5000 की कमाई आराम से हो जाती है. इस साल 11 लाख दीप बनाए गए हैं, जो मध्य प्रदेश के कई जिलों में सप्लाई किए गए हैं. दूसरे प्रदेशों में भी सप्लाई हुई है. अमेरिका में भी बड़ी तादाद में ऑर्डर आए थे, जिन्हें भेजा गया है. धूप बत्ती की डिमांड 10 देशों में होती है.

गोबर के उत्पाद की विशेषताएँ
सुनीता जैन बताती हैं कि हमारे यहां गोबर के जो उत्पाद तैयार होते हैं, उनमें 70% गोबर और 30% मिट्टी का मिक्सचर तैयार किया जाता है, जिसकी वजह से इनमें मजबूती आती है. फिर नैचुरल कलर से ही इनमें डिज़ाइनिंग की जाती है. गोबर की घड़ी घर में लगाने से नकारात्मकता दूर होती है, पॉजिटिव ऊर्जा का संचार होता है, और वास्तु दोष भी ठीक होता है.

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