यूपी के 14 जिलों में अफसरों की उड़ी नींद, AC-कूलर बने समस्या, अधिकारी हुए सस्पेंड, वजह है चौंकाने वाली


मेरठ. पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के चौदह जिलों में बिजली की खपत और मांग दोनों बढ़ती जा रही है. बिजली खपत और मांग ने नया रिकॉर्ड बनाया है. बिजली मांग में छाछठ फीसदी अप्रत्याशित वृद्धि ने पावर कारपोरेशन अफसरों को हैरान कर दिया है. ऐसे में बिजली आपूर्ति बनाए रखने में अफसरों की नींद उड़ी हुई है. इसकी वजह गर्मी में एसी कूलर पंखे का उपयोग कई गुना बढ़ना माना जा रहा है.

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की एमडी ईशा दुहन का कहना है कि इस बार गर्मी अप्रत्याशित रुप से ज्यादा है. एनर्जी इंक्रीज पिछले वर्ष की तुलना में छाछठ फीसदी बढ़ा है. पिछले पांच साल से दोगुना तीन गुना बिजली की मांग में बढ़ोत्तरी हुई है. विभाग के लिए ये चुनौती भरा समय है. ऐसे मौके पर कोई प्लान शटडाउन नहीं लिया जा रहा है. कहीं कोई समस्या आ रही है. तो उसे तत्काल एटेंड किया जा रहा है.

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एमडी ने कहा कि ये अतिसंवेदनशील समय है और कोई भी लापरवाही किसी भी स्तर पर अक्षम्य है. बताया गया कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अंतर्गत अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का उचित निर्वहन न करने, लापरवाही बरतने पर दो अधिशासी अभियंता, एक सहायक अभियंता और एक भंडार अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

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जनपद मुरादाबाद के विद्युत वितरण उपखण्ड-III, बिलारी में एलटी एबी केबल क्षतिग्रस्त होने के कारण विद्युत आपूर्ति लंबी अवधि के लिए बाधित हुई और उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा. एलटी केबल की जांच कराए जाने पर एलटी केबल मानक के अनुरूप नहीं पाया गया. यह एलटी केबल मार्क इंडिया लिमिटेड के ज़रिए आपूर्तित किया गया था इसकी गुणवत्ता के सम्बंध में निरीक्षण/परीक्षण शेर सिंह अधिशासी अभियंता विद्युत नगरीय परीक्षण खण्ड-III, गाजियाबाद ने किया था.

इन अधिकरियों को निलंबित किया
इस एलटी केबल को विद्युत भंडार खण्ड मुरादाबाद पर मनोज कुमार सहायक अभियंता विद्युत भंडार खण्ड मुरादाबाद एवं अमित कुमार भंडार अधीक्षक विद्युत भंडार खण्ड मुरादाबाद के जरिए मात्रा एवं गुणवत्ता की जांच कर प्राप्त किया गया था. इसलिए कर्तव्यों एवं दायित्वों का उचित निर्वहन न करने, निगम की छवि धूमिल करने, विभाग को वित्तीय हानि पहुचाने, घोर लापरवाही बरतने पर इन अधिकरियों को निलंबित किया गया है.

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