ये किसी सब्जी नहीं आदिवासी इलाकों के नाम हैं, नाम सुनकर आप भी रह जाएंगे हैरान-This is not a vegetable, it is the name of tribal areas, you will be surprised to hear the name


सिरोही : कटुम्बरा फली, घाटाफली, वेराफली, भांभला फली. ये किसी ग्वारफली जैसी किसी सब्जी के नाम नहीं बल्कि आदिवासी बहुल क्षेत्र के मोहल्लों के नाम हैं. जी हां, सिरोही जिले के गरासिया जनजाति बाहुल्य वाले इलाकों के नाम फली से होते हैं.

राजस्थान की गरासिया जनजा​ति सिरोही जिले के आबूरोड, पिंडवाड़ा, रेवदर के अलावा, उदयपुर जिले के कोटड़ा, गोगुंदा, तहसीलों में और पाली जिले की बाली और अन्य तहसीलों में बसी हुई है. वहीं गुजरात राज्य के बनासकांठा, साबरकांठा समेत अन्य जिलों में भी गरासिया जनजाति के लोग निवासरत है.

जिले में कई पीढियों से बसी इस जनजाति के रहवासी इलाकों की पहचान भी अनोखी है. यहां के नाम किसी व्यक्ति, पेड़, पहाड़ी या गोत्र के नाम पर पड़ गए हैं. कई स्थानों पर समाज के मुखिया, जिन्हें पंच-पटेल कहा जाता है. इनके रहवासी इलाकों की पहचान भी उनके नाम से पड़ गई. जैसे लाला पटेल फली, नवजी पटेल फली. इन सब अनोखे नामों में फली शब्द एक समान है.

वहीं कुछ रहवासी क्षेत्र के आसपास के अनोखे निर्माण जैसे बांध, स्कूल आदि पर भी इन इलाकों के नाम है. जैसे स्कूल फली, बांध फली. कुछ नाम उन स्थानों पर कोई विशेष पेड़, पहाड़ की वजह से हो गए हैं. जैसे पिपलिया फली, कटुम्बरा फली, घाटाफली, वेरा फली. वहीं जिस स्थान पर एक ही गौत्र के परिवार रहते हैं, उन जगहों के नाम उसी गौत्र से रखे हुए हैं. जैसे सोलंकी फली, परमारों की फली.

पेड़ और घाटी, स्कूल जैसे कई नाम
गरासिया जनजाति के वरिष्ठ अधिवक्ता भावाराम गरासिया ने बताया कि गरासिया जनजाति के रहवासी इलाकों को फली कहा जाता है. प्रकृति प्रेमी समाज होने की वजह से यहां के जनजाति बहुल इलाकों के नाम पेड़, पहाड़ी या घाटी के नाम पर रखे हुए हैं. कई स्थानों पर व्यक्ति विशेष या गोत्र पर भी फली के नाम पड़ जाते हैं. इसके अलावा समाज के पंच-पटेल और परिवार-गोत्र के नाम से भी फलियों के नाम रखे हुए हैं. इसके अलावा भी कुछ फलियों के नाम अपने आप में अनोखे हैं.

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