ये लड़का था असली ‘मोगली’! भेड़ियों के बीच हुआ था बड़ा, खाता था कच्चा मांस, आती थी सिर्फ जानवरों की भाषा


Dina Sanichar Story: महान लेखक रुडयार्ड किपलिंग की किताब द जंगल बुक तो आपने जरूर पढ़ी होगी. इस किताब पर कई फिल्में बन चुकी हैं जिसमें एक बच्चा जंगली बनकर बड़ा होता है और जानवरों के बीच रहता है. उसका नाम रहता है मोगली. उसे भेड़ियों का झुंड पालता है. अगर आप सोच रहे हैं कि ये काल्पनिक किरदार है और ऐसा होना नामुमकिन है तो आप पूरी तरह गलत हैं. भारत में सालों पहले असल में एक लड़का था जो रियल लाइफ मोगली (Real Life Mowgli) था और उसकी कहानी से प्रेरणा लेकर रुडयार्ड किपलिंग (Rudyard Kipling’s The Jungle Book) ने इस महान किताब की रचना की थी. उस शख्स का नाम था दीना सनीचर. इस व्यक्ति की कहानी बेहद हैरान करने वाली है.

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दीना सनीचर को बुलंदशहर के जंगलों से पकड़ा गया था. (फोटो: Twitter/@radialonazi)

दीना सनीचर (Dina Sanichar) की जिंदगी फिल्म वाले मोगली जितनी आसान और रोमांचक नहीं थी. उसे काफी संघर्ष करना पड़ा. वो 1800 के दशक में पैदा हुआ था. रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में अंग्रेज शिकारियों ने उसे साल 1867 में पकड़ा था. उन्हें जंगल में एक लड़का दिखा जो भेड़ियों के साथ जंगल के चक्कर लगा रहा था. हैरानी की बात ये थी कि वो अपने दोनों हाथ और पैर के सहारे चल रहा था. उन्होंने बच्चे का पीछा किया तो वो और एक भेड़िया गुफा में घुस गए. शिकारियों ने गुफा में आग लगा दी जिसकी वजह से उन्हें बाहर निकलना पड़ा. बाहर आते ही भेड़िये को गोली मार दी गई और बच्चे को पकड़ लिया गया. उसे इंसानों के बीच ले जाने की योजना शिकारियों ने बनाई.

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दीना सनीचर की मौत टीबी से हुई थी. (फोटो: Twitter/@radialonazi)

खाता था कच्चा मांस
जिस वक्त बच्चे को पकड़ा गया था, उस वक्त उसकी उम्र 6 साल के करीब थी. उसे आगरा के एक अनाथालय में भर्ती करा दिया गया. समस्या ये थी कि बच्चे को इंसानी भाषा नहीं आती थी, और इंसानों के साथ वो नहीं रहा था इसलिए उसका कुछ नाम भी नहीं था. अनाथलय में लोगों ने उसे नाम दिया दीना सनीचर. सनीचर इसलिए क्योंकि वो शनिवार के दिन अनाथालय में आया था. बच्चे को लिखना-बोलना सिखाया गया पर वो नहीं सीख पाया, हालांकि, वो सिर्फ जानवरों की तरह ही आवाजें निकालता था. इसके बावजूद उसने दो पैरों पर चलना सीख लिया. शुरू-शुरू में उसे कपड़े पहनना अच्छा नहीं लगता था. पका हुआ खाना वो नहीं खाना चाहता था, क्योंकि उसने हमेशा ही कच्चा मांस खाया था.

29 साल में हो गई मौत
कई रिपोर्ट्स ने तो ये भी बताया कि वो प्लेट से खाना तो सीख गया था पर उसके बावजूद हमेशा खाने को सूंघकर खाता था. अनाथालय में उसकी दोस्ती एक और जंगली लड़के से हो गई और इंसानों से जुड़ी एक चीज जो उसने मन से सीखी, वो था धूम्रपान. उस दूसरे लड़के के कारण दीना सनीचर को धूम्रपान की ऐसी लत लगी कि उसे टीबी हो गया जिसकी वजह से उसकी मौत सिर्फ 29 साल की उम्र में हो गई. दीना सनीचर के साथ भारत में कई ऐसे मामले आए जिसमें बच्चे जंगली जानवरों के साथ पले बड़े थे. भारत में ही ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं.

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