ये है 4 भुजाओं वाला म्यूचुअल फंड, निवेशकों को देता है मुनाफे का ‘आशीर्वाद’, बाजार गिरे या चढ़े कोई फर्क नहीं


हाइलाइट्स

निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट फंड ने सालभर में 32.26% रिटर्न दिया है. एसबीआई मल्टी एसेट फंड ने सालभर में 28.24% का रिटर्न दिया है. मल्‍टी एसेट फंड एकसाथ कई विकल्‍पों में निवेश करते हैं.

नई दिल्‍ली. बाजार के जोखिम से दूर और स्‍टॉक के पूरे फायदे सहित रिटर्न वाला विकल्‍प तलाश रहे हैं तो हम आपकी कंफ्यूजन दूर कर देते हैं. शेयर बाजार एक तरफ तो रिकॉर्ड ऊंचाई पर जा रहा और दूसरी ओर बीच-बीच में गिरावट का शिकार भी बन रहा. ऐसे में बाजार विशेषज्ञ आने वाले महीनों में और गिरावट की भविष्यवाणी भी कर रहे हैं. दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशक असमंजस में हैं, क्योंकि उनको घाटा हुआ है और उनका भविष्य अस्पष्ट दिख रहा है. ऐसे में आपको भी ऐसा विकल्‍प चाहिए जो चारों दिशाओं से मुनाफे बटोर सकता है. इसका सबसे अच्‍छा ऑप्‍शन मल्‍टी एसेट फंड बन सकता है, जो एक-दो नहीं, बल्कि चार तरह के एसेट में पैसे लगाता है और नुकसान की आशंका काफी कम हो जाती है.

आंकड़े देखें तो पता चलता है कि गिरते बाजार में भी मल्टी एसेट फंड ने पिछले एक साल में शानदार रिटर्न दिया है. निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट फंड और एसबीआई मल्टी एसेट फंड ने 32.26% और 28.24% का रिटर्न दिया है. इक्वेशन फाइनेंशियल सर्विसेज के कपिल हुल्कर कहते हैं कि एक सच्चा मल्टी एसेट फंड वह है जिसमें विविध परिसंपत्ति आवंटन पोर्टफोलियो होता है. निवेशकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे एक मल्टी एसेट फंड चुनें जो उनके परिसंपत्ति आवंटन में बदलाव न करे. तभी किसी को मल्टी एसेट फंड का सच्चा लाभ मिलेगा.

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क्‍यों महत्‍वपूर्ण है मल्‍टी एसेट निवेश
बाज़ार का नियम कहता है कि एसेट क्लास अपने स्वयं के साइकल का पालन करते हैं. ऐसे में भविष्यवाणी करना कभी आसान नहीं होता है. लिहाजा अपने पोर्टफोलियो में विविधता न लाना भी निवेश में घाटे का कारण हो सकता है. म्यूचुअल फंड विश्लेषकों का मानना है कि एक अच्छी तरह से विविधीकृत पोर्टफोलियो वाले निवेशक कहीं अधिक सुरक्षित होते हैं. यहीं पर मल्टी एसेट फंड में निवेश करना महत्वपूर्ण हो जाता है.

कहां-कहां पैसे लगाता है यह फंड
मल्टी एसेट फंड ऐसे हाइब्रिड फंड हैं जो विभिन्न एसेट क्लास जैसे इक्विटी, डेट, कमोडिटी और सोने-चांदी जैसे कमोडिटी आदि में निवेश करते हैं. सेबी के नियमों के मुताबिक मल्टी एसेट फंडों को अपने एसेट आवंटन में विविधता लाने के लिए तीन या अधिक अलग-अलग एसेट क्लास में से प्रत्येक में अपने कुल एयूएम का न्यूनतम 10% निवेश करना जरूरी होगा. मल्टी एसेट फंड से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए निवेशकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके पैसे कई जगह पर निवेश किए जाएं.

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उदाहरण के तौर पर निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट फंड तीन परिसंपत्ति वर्गों – इक्विटी, कमोडिटी और डेट में निवेश करता है. फंड का अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में भी एक्सपोजर है जबकि सेबी ने इस साल 1 अप्रैल से वैश्विक बाजारों में नए एक्सपोजर पर रोक लगा दी है. ऐसे में यह फंड से मौजूदा निवेश चौथे परिसंपत्ति वर्ग के रूप में भी लाभ देता है. इसका मतलब हुआ कि यह फंड 4 तरह की संपत्तियों में पैसे लगाकर मुनाफा कमाता है.

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