योगी सरकार से ज्यादा मुलायम सिंह के राज में हुए थे एनकाउंटर, चार साल में मारे गए थे 499 अपराधी


हाइलाइट्स

इनामी डकैत मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सियासत जारी है अखिलेश यादव योगी सरकार में हो रहे एनकाउंटर को फर्जी बता रहे हैं

लखनऊ. पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में एक लाख के इनामी डकैत मंगेश यादव की पुलिस मुठभेड़ में मौत के बाद सियासी भूचाल मचा हुआ है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार में हो रहे एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए इसे पीडीए यानि पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकों की हत्या से जोड़ दिया है. इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि योगी सरकार में पुलिस जाति देखकर एनकाउंटर कर रही है. उनका आरोप है कि योगी राज में अब तक 207 अपराधी फर्जी मुठभेड़ में मरे गए, जिसमें सबसे ज्यादा 125 पीडीए से थे. अखिलेश यादव के इस आरोप के बाद यूपी पुलिस के मुखिया डीजीपी प्रशांत कुमार ने मोर्चा संभाला और आंकड़े पेश कर कहा कि पुलिस ऐसा कुछ भी नहीं करती। अभी तक जितने भी एनकाउंटर हुए हैं उस पर कोई सवाल नहीं उठे हैं. उन्होंने कहा कि अवैध धर्मांतरण मामले में भी पुलिस पर आरोप लगा था, लेकिन कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है.

दरअसल, प्रदेश की योगी सरकार की एनकाउंटर पालिसी देश बाहर में चर्चा का विषय बनी हुई है. लेकिन अब अखिलेश यादव इसे चुनाव मुद्दा बना रहे हैं और खास जाति विरादरी से जोड़ रहे हैं. लेकिन आंकड़ों की बात करें तो सबसे ज्यादा एनकाउंटर मुलायम सिंह की सरकार में हुए. 2003 से 2007 के बीच मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए 499 अपराधी मुठभेड़ में ढेर हुए. इतना ही नहीं योगी सरकार अभी मायावती के शासन काल से भी पीछे है. मायवती के राज में 261 अपराधी एनकाउंटर में मार गिराए गए थे. वहीं योगी सरकार के सात साल के कार्यकाल में अभी तक 207 अपराधी मुठभेड़ में मारे गए हैं.

योगी राज में अब तक 207
पुलिस के साथ एनकाउंटर में जाति और धर्म की बात करें तो यूपी में योगी सरकार के मार्च 2017 से आने से लेकर अबतक पुलिस एनकाउंटर में 207 अपराधी मारे गए, जिसमें 130 हिंदू और 67 मुस्लिम शामिल हैं. जाति की बात करें तो इनमें 20 ब्राह्मण, 18 ठाकुर, 17 जाट-गुर्जर, 16 यादव जाति के अपराधी थे. योगी आदित्यनाथ 19 मार्च, 2017 को सीएम बने. तब से लेकर अब तक प्रदेश में पुलिस और बदमाशों के बीच लगभग 12,500 से ज्यादा मुठभेड़ हुईं। इन मुठभेड़ में 207 आरोपी ढेर हुए. साढ़े छह हजार से ज्यादा घायल हुए. करीब 27 हजार आरोपी पकड़े गए. मेरठ जोन में सबसे ज्यादा 66 क्रिमिनल मुठभेड़ में ढेर हुए. इसके बाद वाराणसी जोन में 21 और आगरा जोन में 16 आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए.



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