रंगोली, पूजा, पटाखे और नेग…कुछ इस तरह से सजती है खंडवा के किन्नर समाज की दीवाली


खंडवा: दीपावली का त्योहार जहां हर घर में रोशनी, मिठाइयों, और खुशियों का प्रतीक है, वहीं खंडवा का किन्नर समाज इस पर्व को अपनी अनोखी परंपराओं के साथ मनाता है. समाज की मुख्यधारा से अलग होकर रहने वाले किन्नर समाज के लोग, जिन्हें अक्सर त्यौहारों में आशीर्वाद देते देखा जाता है, दीपावली पर विशेष रीति-रिवाजों के साथ एकजुट होकर इस पर्व का उत्सव मनाते हैं.

दीपावली के अवसर पर किन्नर समुदाय का उत्साह देखते ही बनता है. लोकल 18 की टीम ने खंडवा के किन्नर समाज से बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपने त्योहार मनाने के तौर-तरीकों, परंपराओं और दीपावली की विशेषता पर चर्चा की. किन्नर पलक वर्मा ने बताया कि दीपावली उनके लिए बहुत विशेष है क्योंकि इस दिन भगवान राम का अयोध्या लौटने का पर्व मनाया जाता है, और इस उपलक्ष्य में सभी घरों में दीप जलाकर खुशियां बांटी जाती हैं. पलक के अनुसार, “हमारा किन्नर समाज भी इस खुशी में शरीक होता है. हम अपने गुरुओं के साथ दिवाली का उत्सव मनाते हैं और घरों में तरह-तरह के पकवान बनाते हैं जैसे कि गुजिया, शक्करपारे, चकली, और मिठाइयां.”

गुरुओं के आशीर्वाद के साथ उत्सव का आरंभ
दिवाली की शुरुआत किन्नर समाज में गुरु-शिष्य परंपरा से होती है. पलक बताती हैं कि वे अपने गुरु को विशेष व्यंजन बनाकर खिलाते हैं और उनके साथ समय बिताते हैं. गुरु बदले में आशीर्वाद देते हैं और सभी मिलकर पूरे समाज और शहरवासियों की खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं. यह परंपरा किन्नर समाज में विशेष महत्व रखती है और इस अवसर पर सभी किन्नर मिलकर एक परिवार की तरह त्योहार का आनंद उठाते हैं.

नेग मांगने की परंपरा
दिवाली पर किन्नर समुदाय खंडवा की गलियों और घरों में नेग मांगने निकलता है. पलक ने बताया कि यह परंपरा उनके समाज में पीढ़ियों से चली आ रही है, और दिवाली के इस खास मौके पर खंडवा के लोग दिल खोलकर नेग देते हैं. “हम घर-घर जाकर आशीर्वाद देते हैं, लोगों की खुशहाली के लिए कामना करते हैं, और उनकी मंगलकामना करते हैं,” उन्होंने बताया. यह परंपरा केवल दीपावली तक ही सीमित नहीं रहती, बल्कि इसके बाद भी चलती रहती है.

रंगोली, पूजा और पटाखे: दीपावली की विशेष सजावट
किन्नर समाज में भी दीपावली पर घरों की सजावट की जाती है. रंगोली बनाई जाती है, शाम को लक्ष्मी पूजन किया जाता है, और धनतेरस पर विशेष धन-धान्य की पूजा की जाती है. किन्नर सितारा गुरु ने बताया कि “हम भी एक आम इंसान की तरह दीपावली मनाते हैं. लक्ष्मी जी की पूजा, रंगोली और पटाखों के साथ पूरे हर्षोल्लास के साथ यह पर्व मनाया जाता है.” किन्नर समाज के लोग विशेष रूप से पटाखे खरीदते हैं और इसे समाज के अन्य लोगों के साथ मिलकर फोड़ते हैं.

समाज के प्रति शुभकामनाएं और समर्पण
किन्नर समाज की दीपावली का एक खास पहलू यह है कि वे अपने आस-पास के लोगों की खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं. वे घर-घर जाकर न केवल नेग मांगते हैं, बल्कि लोगों को शुभकामनाएं भी देते हैं. यह समाज भले ही मुख्यधारा से अलग रहता हो, लेकिन उनके त्योहार मनाने का तरीका, उनकी खुशी और उनके समर्पण का भाव सभी के दिल को छू जाता है.

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