राज्य सरकार और चांसलर के बीच फंसा खेला; किसका नियम सही? सवालों के घेरे में कुलपति की नियुक्ति!


Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:

University Vice-Chancellor Controversy : ग्वालियर के विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. अरविंद कुमार शुक्ला के तीन बच्चों का मामला विवाद का कारण बना है. मध्य प्रदेश सरकार के नियमों के अनुसार …और पढ़ें

X

शिकायतकर्ता

शिकायतकर्ता ने कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शुक्ला को बताया अयोग्य 

हाइलाइट्स

  • ग्वालियर कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्ति विवाद.
  • प्रो. शुक्ला के तीन बच्चों पर विवाद.
  • विश्वविद्यालय प्रबंधन ने नियुक्ति को संवैधानिक बताया.

ग्वालियर. ग्वालियर के विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोफेसर (डॉक्टर) अरविंद कुमार शुक्ला को लेकर एक विवाद सामने आया है. इस विवाद में प्रोफेसर शुक्ला के तीन बच्चों का मामला सामने आया है, जबकि मध्य प्रदेश सरकार के नियम के अनुसार तीन बच्चों वाले व्यक्ति को कुलपति पद के लिए अयोग्य माना जाता है. हालांकि, विश्वविद्यालय प्रबंधन का दावा कुछ अलग है.

ग्वालियर के विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में एक आरटीआई के तहत यह जानकारी प्राप्त की गई कि प्रोफेसर शुक्ला के तीन बच्चे हैं. इनमें से एक बच्चा जनवरी 2001 के बाद पैदा हुआ है, जो मध्य प्रदेश सरकार के 2000 के राजपत्र के नियमों के खिलाफ है. इस नियम के तहत दो से अधिक बच्चों वाले व्यक्ति को कुलपति पद के लिए अयोग्य माना जाता है. इसके बाद विभिन्न पक्षों ने उन्हें कुलपति पद के लिए अयोग्य घोषित किया है.

कुलपति प्रो. शुक्ला का बयान
कुलपति डॉ. अरविंद कुमार शुक्ला ने कहा कि उन्होंने कभी भी अपनी जानकारी छिपाई नहीं है. उन्होंने 2011 में समग्र आइडी में अपने बच्चों का उल्लेख किया था और यह जानकारी पहले से सार्वजनिक है. उन्होंने यह भी कहा कि उनके द्वारा कोई शपथ पत्र नहीं दिया गया था.

विश्वविद्यालय प्रबंधन का दृष्टिकोण
वहीं विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि कुलपति की नियुक्ति विश्वविद्यालय के परिनियम के अनुसार कुलाधिपति द्वारा की जाती है, न कि राज्य सरकार के नियमों के आधार पर. विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार, कुलपति की नियुक्ति पर राज्य सरकार के नियम लागू नहीं होते, बल्कि विश्वविद्यालय के अधिनियम और परिनियम के अनुसार कार्यवाही होती है.

कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया
कुलपति की नियुक्ति उपधारा दो के तहत गठित समिति द्वारा सिफारिश किए गए पैनल में से कुलाधिपति द्वारा की जाती है. यदि कुलाधिपति सिफारिश किए गए व्यक्तियों में से किसी को नियुक्त नहीं करता या कोई व्यक्ति नियुक्ति स्वीकार नहीं करता, तो कुलाधिपति स्वयं विवेकानुसार किसी अन्य व्यक्ति को नियुक्त कर सकते हैं.

homemadhya-pradesh

सरकार और चांसलर के बीच फंसा खेला; किसका नियम सही? सवालों के घेरे में कुलपति की



Source link

x