रात में कच्ची सब्जियों का सलाद खाना सेहत के लिए अच्छा है या बुरा? फायदे और नुकसान के बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट डाइटिशियन
Health Tips: सर्दी हो या गर्मी या फिर बरसात हर मौसम में बिना झंझट खाया जा सकने वाले क्लासिक भोजन में सलाद शामिल है. ताज़गी देने वाले फलों और हरी सब्जियों को मिलाकर बनाया गया सलाद खाना हर मौके पर स्वाद को बढ़ा देता है. साथ ही सेहत को भी हर तरह से फायदा पहुंचाता है. पिछले कुछ सालों में, मोटापा या वजन कम कर स्लिम और फिट होने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए सलाद एक पसंदीदा डिश बन गया है. कम कैलोरी और अधिक पोषक तत्वों वाली चीजों से बने सलाद को हर कोई पसंद करता है.
क्या रात में कच्ची सब्जियों का सलाद खाना बुरा है? (Is it bad to eat raw vegetable salad at night?)
सलाद को लेकर बहुत से लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी पैदा होते हैं. उनमें से एक बड़ा सवाल यह है कि रात में कच्ची सब्जियों का सलाद खाना अच्छा होता है या बुरा? रात में सोने से पहले हल्का महसूस करने के लिए सलाद खाने को एक आसान तरीका मानने वालों को एक्सपर्ट डाइटिशियन कुछ सावधानी बरतने की सलाह देते हैं. आइए जानते हैं कि वे ऐसा क्यों करते हैं? साथ ही जानते हैं कि रात में सोने से ठीक पहले कच्ची सब्जियों का सलाद खाने पर शरीर में क्या बदलाव होता है.
पकी हुई और कच्ची सब्ज़ियां में क्या है बड़ा अंतर? (What is the big difference between cooked and raw vegetables?)
न्यूट्रिशिनिस्ट के मुताबिक, कच्ची और पकी हुई सब्ज़ियों में बस कुछ ही मुख्य अंतर होते हैं, लेकिन रात को खाने में क्या चुनें? यह तय करते समय अपने शरीर और सेहत के हिसाब से विचार करने के बाद फैसला करना चाहिए. क्योंकि यह सब कच्ची या पकाई हुई सब्जियों से मिलने वाले पोषक तत्वों और शरीर के पाचन को संभालने के तरीके पर निर्भर करता है. हालांकि, कच्ची और पकी हुई सब्ज़ियों में मुख्य तौर पर दो अंतर होते हैं.
1. पोषक तत्व – पोषक तत्वों की बात करें तो कच्ची सब्ज़ियां बहुत ज़्यादा पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं. हालांकि, जब उन्हें पकाते हैं, तो उनमें से थोड़ा विटामिन सी और बी कॉम्प्लेक्स खत्म हो जाता है, लेकिन ध्यान रखें कि कच्ची सब्ज़ियों को कद्दूकस करके और काटकर खाने से भी इनमें से कुछ विटामिन नष्ट हो सकते हैं.
2. पेट फूलना या ब्लोटिंग – कच्ची सब्ज़ियां खाने के बाद पेट फूलना, भारीपन और गैस होना आम समस्याएं हैं. इसमें मौजूद फाइबर की वजह से ऐसा होता है. इसलिए ज़्यादा मात्रा में कच्ची सब्ज़ियों को खाने से मुश्किल हो सकता है.
रात में कच्चा सलाद क्यों नहीं खाना चाहिए? (Why should we not eat raw salad at night?)
कच्ची और पकी हुई सब्जियों में अंतर जानने के बाद यह तय करने में सुविधा होती है कि रात में कच्ची सब्जियों का सलाद नहीं खाना चाहिए. डाइटिशियन भी मानते हैं कि रात में कच्ची सब्ज़ियों का सलाद खाना बहुत अच्छा विचार नहीं हो सकता है. आयुर्वेद के जानकारों के अनुसार, सूरज ढलने के बाद कच्चा सलाद नहीं खाना चाहिए. आयुर्वेद में इसके तीन कारण बताए गए हैं.
1. पाचन शक्ति कम होना – कच्ची सब्जियां खाने से शरीर को उन्हें पचाने के लिए 300 प्रतिशत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. इसलिए बेहतर पाचन के लिए सब्जियों को उबालने, भाप में पकाने या भूनने के बाद खाने की सलाह दी जाती है. खाना पकाने से शरीर को पोषक तत्वों को अधिक असरदार तरीके से अवशोषित करने में भी मदद मिलती है. इसके अलावा, रात में कच्चा सलाद खाने से पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है.
2. शरीर में बढ़ सकता है टॉक्सिन – रात में शरीर की पाचन शक्ति स्वाभाविक रूप से कमजोर होती है. आयुर्वेद में कहा जाता है कि दिन के मुकाबले रात में खाना पचाने की ताकत लगभग 50 प्रतिशत तक कम होती है. इसके कारण कच्ची सब्जियां खाने से डाइजेशन सिस्टम में फाइबर जमा हो सकता है, जिससे बार-बार बाथरूम जाना पड़ता है और लोग अच्छी नींद नहीं ले पाते हैं. इसके साथ ही, बिना पचा हुआ भोजन शरीर में AMA (टॉक्सिक पदार्थ) भी बढ़ा सकता है.
3. गैस और सूजन की दिक्कत – दरअसल, पौधे खुद को खाए जाने से बचाने के लिए एक रक्षा तंत्र के रूप में गैस छोड़ते हैं. जब आप कच्चे फल या सब्जियों को खाते हैं, तो वे गैसें आपके पेट के अंदर चली जाती हैं, जिससे सूजन, गैस और पेट फूलने की दिक्कत होती है. इसलिए, अक्सर पाचन से जुड़ी परेशानी झेलने वाले लोगों के लिए सब्जियों को हल्के तापमान या भाप में पकाकर खाने के लिए कहा जाता है. इससे सब्जियों या सलाद को पचाना आसान हो जाता है और पेट की समस्याओं से भी बचाव होता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)