राहुल गांधी ने पकड़ ली कांग्रेस की बीमारी, भरी सभा में बताया क्‍यों छिटक गए हमारे वोटर, दल‍ित-ओबीसी पर बड़ा दांव


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राहुल गांधी ने स्‍वीकार क‍िया क‍ि दल‍ित और ओबीसी वोटर कांग्रेस छोड़कर चले गए हैं. उन्‍होंने इसकी वजह भी बताई. साथ ही राजनीत‍ि के साथ संपत्‍त‍ि में भागीदारी की वकालत की.

राहुल गांधी ने पकड़ ली कांग्रेस की बीमारी, बताया क्‍यों छिटके दल‍ित-ओबीसी वोटर

राहुल गांधी ने दल‍ित सम्‍मेलन में कई लोगों से मुलाकात की.

हाइलाइट्स

  • राहुल गांधी ने माना क‍ि दल‍ित और ओबीसी वोटरों का हमने ख्‍याल नहीं रखा.
  • नया नारा द‍िया दल‍ित ओबीसी को सत्‍ता ही नहीं संपत्‍त‍ि में भी भागीदारी मिले
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल पर भी क‍िया सीधा हमला.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने खुलेआम स्‍वीकार क‍िया क‍ि 90 के दशक के बाद कांग्रेस पार्टी से दल‍ित और ओबीसी छिटकते चले गए. ये वो वोटर थे, जो कांग्रेस की रीढ़ हुआ करते थे. राहुल गांधी ने कहा, हम उनका भरोसा खोते चले गए क्‍योंक‍ि हमने कभी उनके ह‍ितों की रक्षा उस तरह नहीं की, जैसी करनी चाह‍िए थी.

दल‍ित समुदाय की ओर से आयोज‍ित एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा क‍ि सिर्फ नेता बना देने से दल‍ितों और पिछड़ों की समस्‍याओं का समाधान नहीं होगा. जब तक उन्‍हें संस्‍थानों और संपत्‍त‍ि में भागीदारी नहीं दी जाती. अगर हम ऐसा कर पाए तो कांग्रेस पार्टी का मूल वोटर वापस आ जाएगा और बीजेपी आरएसएस को भागना पड़ेगा. राहुल गांधी ने कहा, इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस को दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों की पार्टी माना जाता है. इन समुदायों का पूरा भरोसा हम पर था. लेकिन 1990 के दशक में द‍िक्‍कतें आईं और यह क‍िसी से छिपा नहीं है. पिछले 10-15 वर्षों में दलितों, पिछड़ों के लिए कांग्रेस पार्टी ने वह नहीं किया जो उसे करना चाहिए था. राहुल गांधी ने कहा क‍ि अगर मैं यह नहीं कहता, तो मैं झूठ बोलूंगा. अगर कांग्रेस पार्टी ने दलितों, पिछड़ों का समर्थन और विश्वास बनाए रखा होता, तो आरएसएस कभी सत्ता में नहीं आ सकता था.

फूट डालकर राज कर रही बीजेपी
राहुल गांधी ने कहा क‍ि इसका मतलब है कि कांग्रेस पार्टी के भीतर आंतरिक क्रांति होनी चाहिए, जिसमें वंच‍ित लोगों को शामिल क‍िया जाना चाह‍िए. जनता के बीच फूट डालकर बीजेपी और आरएसएस राज कर रहे हैं. जिस दिन हम एकजुट हो जाएंगे, वे भाग जाएंगे. जिस दिन कांग्रेस पार्टी का मूल आधार एकजुट हो जाएगा, बीजेपी, आरएसएस भाग जाएंगे. हमें अपनी एकता पर काम करना होगा. हमें दलितों, पिछड़ों, अति-पिछड़ों, अल्पसंख्यकों को सुनना होगा और उन्हें आगे बढ़ाना होगा. लेकिन मुझे लगता है कि इसमें कुछ साल लगेंगे.

सत्‍ता ही नहीं संपत्‍त‍ि में भी भागीदारी मिले
राहुल गांधी ने कहा क‍ि डॉ. बीआर अंबेडकर को दलितों के अंतिम संरक्षक माना, क्‍योंकि उन्‍होंने दल‍ितों को आवाज दी. आप राजनीतिक प्रतिनिधित्व की बात करते हैं और कांशीराम ने राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए लड़ाई लड़ी. लेकिन उन्होंने राजनीतिक प्रतिनिधित्व को अप्रासंगिक बना दिया. हमें संस्‍थानों में ह‍िस्‍सा हास‍िल करना होगा. चाहे वह शिक्षा हो या कॉर्पोरेट इंडिया, न्यायपालिका हो, हर जगह हमारी भागीदारी होनी चाह‍िए. क्‍योंक‍ि आबादी के ह‍िसाब से प्रत‍िन‍िध‍ित्‍व में बड़ा अंतर है. मैंने संसद में कहा था क‍ि पिछड़ों की 50 प्रतिशत आबादी है लेकिन सत्ता का हिस्सा केवल 5 प्रतिशत है. दलितों की 15 प्रतिशत आबादी है लेकिन सत्ता का हिस्सा केवल एक प्रतिशत है. अगला सवाल सत्ता का हिस्सा और संपत्ति का हिस्सा है.

केजरीवाल-मोदी एक जैसे
राहुल गांधी ने कहा, मैंने आरएसएस के कुलपतियों की सूची देखी, वे सभी उच्च जातियों से हैं. उन्होंने एक आदिवासी राष्ट्रपति बनाया, लेकिन उन्‍हें कोई शक्ति नहीं दी. उन्होंने एक दलित को राष्ट्रपति बनाया लेकिन कोई शक्ति नहीं दी, यह केवल प्रतीकात्मक था. कांग्रेस नेता ने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल पर भी हमला किया. कहा, केजरीवाल भी आरक्षण विरोधी और दलित विरोधी हैं, जैसे मोदी जी हैं.  दोनों खोखली बातें करते हैं, दोनों एक के बाद एक झूठ बोलते हैं.  दोनों सत्ता को अपने हाथों में रखना चाहते हैं.

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