लखनऊ में इस जगह मिलेंगे मिर्जा गालिब के दुर्लभ पत्र, आप भी करें दीदार, 2 अक्टूबर है लास्ट डेट



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अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. ‘हजारों ख्वाहिशें है ऐसी कि हर ख्वाहिश पर दम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले… इस मशहूर शायरी को तो आपने सुना ही होगा, अक्सर आपके व्हाट्सएप या फेसबुक पर भी आपने इस शायरी को पढ़ा होगा और तो और अक्सर मिर्ज़ा ग़ालिब का नाम भी तमाम गानों के साथ ही तमाम शायरियों में पढ़ा होगा. इश्क और मोहब्बत के नाम से मशहूर उर्दू शायर मिर्जा गालिब के लिखे हुए असली पत्र अगर आप देखना चाहते हैं तो लखनऊ में इन्हें देख सकते हैं.

मिर्ज़ा ग़ालिब के लिखे हुए असली पत्र राष्ट्रीय पुस्तक मेले में लेकर आए हैं उर्दू अकादमी दिल्ली के लोग, खास बात यह है कि उनके पास पांच ऐसी किताबें हैं जिसके अंदर मिर्जा गालिब के लिखे हुए असली पत्र उर्दू और फारसी भाषा में हैं. इन सभी पत्रों को एक किताब के प्रिंट कराया गया है, लगभग पांच किताबों में उनकी शायरियां उनके लिखे पत्र प्रिंट कराए गए हैं. एक किताब की कीमत 250 रुपए है.

बिक चुकी हैं कई कॉपियां
उर्दू अकादमी दिल्ली से आए उजैर हसन ने बताया कि गालिब के लिखे हुए असली पत्र संभाल कर रखे गए थे. उनको एक किताब में प्रिंट करने का काम किया गया है और अब वह इसे बेच रहे हैं. उर्दू पसंद करने वाले लोगों को यह किताबें बहुत पसंद आ रही हैं. कई कॉपी अब तक इसकी बिक चुकी हैं. रशीदा खातून ने बताया कि उन्होंने आज से पहले गालिब का नाम सुना था, उनकी शायरियां पढ़ी थीं लेकिन आज उनके लिखे हुए असली पत्रों को देखकर वह यकीन ही नहीं हो रहा है और इन किताबों को वह खरीदेंगे भी.

सिर्फ दो अक्टूबर तक है मौका
अगर आप मिर्ज़ा ग़ालिब के फैन हैं और उनके लिखे हुए असली पत्रों को अपनी आंखों से देखना चाहते हैं तो यह दुर्लभ मौका आपके पास सिर्फ दो अक्टूबर तक ही है क्योंकि लखनऊ शहर के बलरामपुर गार्डन में राष्ट्रीय पुस्तक मेला चल रहा है, जो रोज सुबह 11:00 से रात 9:00 बजे तक चलता है. दो अक्टूबर को यह खत्म हो जाएगा.

Tags: Hindi poetry, Local18, लखनऊ



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