लखनऊ से दिल्ली तक स्वाति मालीवाल के नाम पर अरविंद केजरीवाल की चुप्पी, जानें क्या है वजह


लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम पढ़ाव की ओर बढ़ रहा है, राजनीतिक सरगर्मियां अपने चरम पर हैं. लेकिन पिछले 3-4 दिन में मीडिया समेत देश की जनता का ध्यान चुनावों को छोड़कर दिल्ली में चल रहे स्वाति मालीवाल और बिभव कुमार मामले पर जा टिका है. कई दिन से चल रहे दिल्ली की राजनीति के हाईवोल्टेज ड्रामे के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कल शनिवार को अपनी चुप्पी तोड़ी. हालांकि, केजरीवाल बोले तो लेकिन उनके घर में चल रहे विवाद पर नहीं बल्कि इस विवाद का रुख मोड़ने पर बोले.

शनिवार को आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक वीडियो जारी कर भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार आम आदमी पार्टी के भी नेताओं के गिरफ्तार करने का प्लान बना रही है. इस पूरे वीडियो में उन्होंने स्वाति मालीवाल और अपने पीए बिभव कुमार के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला. उन्होंने रविवार को भाजपा मुख्यालय कूच करने का ऐलान किया.

रविवार को बीजेपी मुख्यालय कूच करने से पहले अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस पूरे संबोधन में उन्होंने तमाम नेताओं का जिक्र किया कि केंद्र सरकार उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है. संबोधन के बीच में केजरीवाल ने सिर्फ एक बार कहा कि उनके पीए बिभव कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन बिभव को क्यों गिरफ्तार किया है और किसकी शिकायत पर गिरफ्तार किया है, इस बारे में एक शब्द भी नहीं बोले.

13 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास पर हुई घटना में आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीएम बिभव कुमार के ऊपर गंभीर आरोप लगाए कि बिभव ने उनके साथ मारपीट की. इस मामले में स्वाति ने पुलिस में मामला भी दर्ज करवाया. स्वाति की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने शनिवार को बिभव कुमार को गिरफ्तार भी कर लिया.

अरविंद केजरीवाल ने 13 स 19 मई के बीच देश के कई स्थानों पर चुनावी सभाओं और मीडिया को संबोधित किया, लेकिन एक बार भी स्वाति मालीवाल का नाम नहीं लिया. जबकि इस घटना के एक दिन बाद तक बिभव कुमार अरविंद केजरीवाल की गाड़ी में लखनऊ भी गए और लखनऊ से कई शहरों में चुनावी सभाएं करते हुए आए. इसके बाद भी अरविंद केजरीवाल पूरे मामले पर चुप्पी साधे रहे. सपा मुखिया अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रैंस में जब पत्रकारों ने अरविंद से स्वाति मामले पर सवाल किया तो अखिलेश यादव ने फौरान ही माइक अरविंद के सामने से हटाते हुए खुद संबोधन करने लगे.

अरविंद यह नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि लगभग 20 सालों से साथ रही स्वाति मालीवाल अचानक बागी कैसे हो गई. जबकि अरविंद केजरीवाल ने स्वाति मालीवाल को अन्य कार्यकर्ताओं से अधिक तवज्जो दी. उन्होंने दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया और फिर राज्यसभा का सदस्य बनाया. इतनी अहमियत के बाद भी स्वाति मालीवाल आखिर अरविंद केजरीवाल से किस बात से नाराज चल रही हैं. इस बात पर अरविंद केजरीवाल चुप्पी साधे हुए हैं.

13 मई को क्या हुआ अरविंद केजरीवाल के घर में
जानकारी के अनुसार, राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल 13 मई को सुबह 9 बजे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने के लिए उनके आधिकारिक आवास पहुंची थीं. स्वाति का आरोप है कि अरविंद के पीए बिभव कुमार ने उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया. उल्टा उनके साथ मारपीट की. घटना के 3 दिन बाद 16 मई को दिल्ली पुलिस स्वाति मालीवाल के आवास पर पहुंची और उनका बयान दर्ज किया. स्वाति की शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने 16 मई की रात बिभव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की.

17 मई को स्वाति मालीवाल ने तीस हजारी कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया. इसके बाद 18 मई को पुलिस ने बिभव को गिरफ्तार कर लिया.

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद स्वाति के बदले तेवर
21 मार्च को अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय जहां देशभर में आम आदमी पार्टी विरोध-प्रदर्शन कर रही थी. पार्टी के तमाम बड़े नेता मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे. लेकिन स्वाति मालीवाल की तरफ से कोई बयान नहीं आया. बल्कि उन दिनों स्वाति भारत में नहीं थीं. उन दिनों स्वाति मालीवाल लगातार विदेश यात्राएं कर रही थीं. इस बात को लेकर आप नेताओं में स्वाति के प्रति नाराजगी बढ़ने लगी. उधर, पार्टी के एक और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा पूरे सीन से गायब रहे. अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और आतिशी मोर्चा संभाले हुई थीं.

बताया जा रहा है कि स्वाति मालीवाल अपनी बहन के इलाज के लिए अमेरिका में थीं. जब वे वापस भारत आईं तो सुनीता केजरीवाल ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया. बेल पर रिहा हुआ अरविंद केजरीवाल ने भी स्वाति मालीवाल से दूरी बना ली. जब सभी नेता अरविंद केजरीवाल या उनकी पत्नी सुनीता के साथ चुनावी रणनीति तैयार करते तो स्वाति को उससे दूर ही रखा जाता था.

उधर, स्वाति भले ही खुद भारत में ना हों, लेकिन सोशल मीडिया पर भी उन्होंने अरविंद की गिरफ्तारी या चुनावों को लेकर अपने विचार पोस्ट नहीं किए. इससे स्पष्ट हो गया है कि अरविंद केजरीवाल और स्वाति मालीवाल के बीच कुछ तो ऐसा पक रहा है जिससे दोनों की बीच दूरी लगातार बढ़ रही है. फिर 13 मई को वह सब हो गया उजागर हो ही गया जिसका लाबा कई दिनों से अंदर ही अंदर फूट रहा था. लेकिन लोगों में यह सवाल अभी भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि अरविंद केजरीवाल आखिर स्वाति का नाम लेने से क्यों बच रहे हैं. जबकि आतिशी समेत कई नेता खुलकर स्वाति के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं.

20 साल पुराने साथी हैं स्वाति मालीवाल और बिभव कुमार
स्वाति और बिभव कुमार के बीच विवाद इस समय सुर्खियों में छाया हुआ है. आज भले ही दोनों के बीच किसी बात को अनबन हो, लेकिन इन दोनों का साथ लगभग 20 साल पुराना है. 2005 में बिभव कुमार मनीष सिसोदिया के एनजीओ कबीर में काम करते थे और वहीं स्वाति मालीवाल अरविंद केजरीवाल की संस्था परिवर्तन का नेतृत्व कर रही थीं. दोनों ही संस्था अरविंद केजरीवाल के लिए काम कर रही थीं. आसपास ही ऑफिस थे. इसलिए बिभव और स्वाति का निरंतर मिलना-जुलना रहता था. सूचना के अधिकार कानून को लेकर कई मोर्चों पर दोनों एकदूसरे के साथ खड़े नजर आते थे.

स्वाति को याद आए मनीष सिसोदिया
इस बीच स्वाति मालीवाल ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी के सहयोगियों ने कभी निर्भया के लिए न्याय मांगा था लेकिन आज वे एक ऐसे व्यक्ति का समर्थन कर रहे हैं जिसने उनके साथ साथ मारपीट की है.
स्वाति मालीवाल ने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आज यहां होते तो शायद मेरे लिए चीजें इतनी बुरी नहीं होतीं.

मालीवाल ने कहा, ‘एक समय था जब हम सब निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए सड़क पर उतरे थे, आज 12 साल बाद, हम एक ऐसे आरोपी को बचाने के लिए सड़क पर उतरे हैं जिसने सीसीटीवी फुटेज गायब किए और फोन से सब हटा दिया? काश उन्होंने इतना जोर मनीष सिसोदिया जी के लिए लगाया होता. वो यहां होते तो शायद मेरे साथ इतना बुरा नहीं होता!’’

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