लीज पर भूमि…5 गुना मुनाफा, इस फल की खेती ने किसान को बनाया मालामाल, अभी 400 क्विंटल और निकलेगी फसल Watermelon cultivation made the farmer rich, earned 5 times profit by taking land on lease


हजारीबाग. हजारीबाग एक कृषि प्रधान जिला है. जिले के दो तिहाई लोग कृषि से ही जुड़े हैं. ऐसे ही हजारीबाग के चुरचू प्रखंड के शिवशरण प्रसाद ने 5 एकड़ की भूमि में तरबूज की खेती की है. इससे उन्हें कई गुना मुनाफा हुआ है. उन्होंने यह भूमि लीज पर लेकर खेती की थी.

किसान शिव शरण प्रसाद ने लोकल 18 झारखंड से बातचीत करते हुए बताया कि किसानों के बीच यह शुरू से भ्रांति रही है कि तरबूज की खेती केवल रेतीली भूमि में हो सकती है. इस कारण से यहां के किसान तरबूज की खेती नहीं करते थे. यह पहला साल था जब उन्होंने तरबूज की खेती अपने खेत में की, लेकिन फिर भी काफी अच्छी फसल हुई है. उन्होंने बताया कि तरबूज की खेती के लिए सबसे बड़ी चुनौती गर्मी के मौसम में इसके पौधों को पानी देना होता है. पानी अगर जड़ के अलावा कहीं और गया तो फसल सढ़ने का डर रहता है. वहीं अगर बारिश और ओलावृष्टि हुई तो फसल बर्बाद हो जाती है.

बंगाल-उड़ीसा के व्यापारी आते हैं तरबूज लेने
उन्होंने आगे बताया कि खेत में ज्योति किस्म के तरबूज के बीज लगाए थे. अभी तक तरबूज के खेत से 1200 क्विंटल से अधिक तरबूज की तुड़ाई की जा चुकी है. उम्मीद है कि 400 क्विंटल की तरबूज की तुड़ाई अभी और होगी. तरबूज का रेट गर्मी के मौसम पर निर्भर करता है. अगर गर्मी अधिक है तो तरबूज 15 रुपए किलो तक बिकता है. वहीं अगर गर्मी कम हो तरबूज का रेट 7 से 8 रुपए तक चला जाता है. इस वर्ष गर्मी अधिक है, जिस कारण उन्होंने तरबूज औसतन 12 रुपए किलो बेचा है. यहां पर उपजे हुए तरबूज को पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के व्यापारी आकर ले जाते हैं.

15 लोगों को दे रहे रोजगार
उन्होंने बताया कि उन्होंने खेती करने के लिए 20 एकड़ की भूमि लीज पर ली है. प्रति एकड़ 10,000 रुपए किराया वह सालाना देते हैं. 5 एकड़ की तरबूज खेती में उन्हें लगभग 3,00,000 का खर्चा आया था. वहीं अबतक 13 से 14 लाख का तरबूज वह बेच चुके हैं. खेती में वह 15 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.

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