शारदा सिन्हा के ससुराल में 350 घरों में नहीं मना छठ, 100 घरों में चूल्हा तक नहीं जला


पटनाः बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन उनकी यादें हम सभी के जहन में हैं. पूरी जिंदगी छठी मईया का गीत गाने वालीं शारदा सिन्हा छठ महापर्व के पहले दिन ही परलोक सिधार गईं. शारदा सिन्हा के जाने का दुख करोड़ों लोगों को है, लेकिन उनके ससुराल बेगूसराय में दुख का आलम यह है कि लोगों ने इस बार छठ भी नहीं मनाया. एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि शारदा सिन्हा के ससुराल में 350 से ज्यादा घरों में इस बार छठ नहीं मनाई गई है. वहीं 100 घरों में चूल्हा भी नहीं जला. शारदा सिन्हा की आवाज में एक जादू था, जो हर किसी को मोह लेता था.

बता दें कि मंगलवार की देर रात को बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया. वह करीब 15 दिन तक एम्स में भर्ती थीं. इस दौरान उनकी हालत में थोड़ी सुधार हुई थी. लेकिन बीते सोमवार को अचानक उनकी तबीयत एक बार फिर खराब हो गई और उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार कम हो गया, जिसके चलते उन्हें वेंटिलेट सपोर्ट पर रखा गया था. शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन ने बताया कि उनकी मां अपने अंतिम समय में बहुत तकलीफ में थीं. लेकिन वो इससे लड़ भी रही थीं.

शारदा सिन्हा के निधन की खबर सामने आते ही उनके प्रशंसकों को बड़ा झटका लगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार सहित सभी राजनीतिक दिग्गजों ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की. बीते बुधवार को विशेष विमान के जरिए शारदा सिन्हा के पार्थिव शरीर को दिल्ली से पटना लाया गया.

इसके बाद पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को रखा गया. फिर गुरुवार की सुबह पटना के गुलबी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. दरअसल, शारदा सिन्हा की अंतिम इच्छा थी कि जहां उनके पति का अंतिम संस्कार किया गया था, वहीं उनका भी अंतिम संस्कार हो. बता दें कि हाल ही में उनके पिता का निधन हो गया था, जिसके चलते वो दुखी रहती थीं.

FIRST PUBLISHED : November 8, 2024, 09:55 IST



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