सर्दी में मिलती है ये करामाती पत्तेदार सब्जी, फोड़े-फुंसी, दाग-धब्बों का लिए काल, गैस, खुजली से मिलेगा छुटकारा


जयपुर. सर्दियों के समय मिलने वाली बथुआ की हरी सब्जी बहुत उपयोगी है. बथुआ के पराठे से लेकर रायता बनाया जाता है. इसमें में पोषक तत्वों का बड़ा भंडार होता है और इसे खाने से सर्दियों में भी शरीर गर्म रहता है. सर्दी-खांसी से बचाने में भी बथुआ बेहद कारगर हो सकता है और यही कारण है कि इसे विंटर का सुपर फूड माना जाता है.

आज आपको बथुआ के हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में बता रहे हैं. आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि बथुआ एक हरी पत्तेदार सब्जी है. यह सिर्फ सर्दियों के मौसम में उगता है. बथुआ को आयुर्वेद में एक पौष्टिक और औषधीय पौधा माना जाता है.

बथुआ खाने के तरीके
बथुआ का साग सरसों और पालक के साथ मिलाकर पकाया जाता है. इसके अलावा उबले हुए बथुआ को दही में मिलाकर स्वादिष्ट रायता बनाया जा सकता है. वहीं बथुआ को पराठे में भरकर खाया जाता है. इसका सूप पाचन के लिए बहुत फायदेमंद होता है. डॉक्टरों के अनुसार जिम और एक्सरसाइज करने वाले को बथुआ की सब्जी जरूर खानी चाहिए.

बथुआ के आयुर्वेदिक फायदे
आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि बथुआ पेट संबंधी विकार जैसे कब्ज, गैस, एसिडिटी, और अपच में राहत देता है. यह अग्नि (जठराग्नि) को प्रबल करता है और भोजन के पाचन को बेहतर बनाता है. इसकी पत्तियां कड़ी में मिलाकर खाने से कब्ज में विशेष लाभ होता है. इसके अलावा इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और आयरन रक्त को शुद्ध करते हैं और त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाते हैं. इसे नियमित खाने से फोड़े-फुंसी, दाग-धब्बे और त्वचा संबंधी रोगों में लाभ होता है।

पेशाब संबंधी विकारों में फायदेमंद
बथुआ का रस मूत्रवर्धक होता है, जिससे पेशाब की जलन और संक्रमण में राहत मिलती है. इसका उपयोग पथरी में भी लाभकारी माना गया है. बथुआ में विटामिन ए, सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इसे खाने से सर्दियों में होने वाले सर्दी-खांसी और बुखार से बचाव होता है. इसके अलावा इसका रस त्वचा की चमक बढ़ाता है और खुजली, एक्जिमा, और सोरायसिस जैसी समस्याओं में राहत देता है.

बथुआ के घरेलू नुस्खे
डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि कब्ज के लिए बथुआ के रस में काला नमक मिलाकर सेवन करें. इसके अलावा पेट के कीड़ों के लिए बथुआ के पत्तों को उबालकर सुबह खाली पेट खाएं. पथरी के लिए बथुआ के रस में नींबू का रस मिलाकर पिएं. त्वचा रोग के लिए बथुआ का पेस्ट बनाकर प्रभावित स्थान पर लगाएं

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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



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