सहरसा में आवासीय बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय का सीएम ने किया उद्घाटन, जानें इसकी खासियत?
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Ssharsa News: जिले के लोगों को पिछड़ा वर्ग आवासीय बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय की सौगात मिली है. जिससे अब छात्राएं इसके जरिए अच्छी शिक्षा पा सकेंगी. आपको बता दें, 45 करोड़ की लागत से बने इस विद्यालय का मुख्यमंत…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- सहरसा में 45 करोड़ की लागत से बने विद्यालय का हुआ उद्घाटन
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फीता काटकर किया उद्घाटन.
- मार्च से विद्यालय में पढ़ाई की शुरुआत होगी.
सहरसा:- जिले वासियों को एक बड़ी सौगात मिली है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्तर कटैया प्रखंड के मेनहा ग्राम में अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालय का उद्धाटन किया है. 45 करोड़ की लागत से बने इस भवन का मुख्यमंत्री ने फीता काटकर उद्धाटन किया. जिसके बाद उन्होंने बालिका छात्रावास के नवनिर्मित भवन के तीन मंजिला दो अलग-अलग ब्लॉक के भागों का निरीक्षण किया, और परिसर में बनाए गए शिक्षकों के आवास व छात्रावास सहित बाकी भागों का भी जायजा लिया. अब इस विद्यालय में छात्राएं अपने बेहतर भविष्य को तलाश सकेंगी और बेहतर शिक्षा भी प्राप्त कर सकेंगी. इस विद्यालय में अब 276 बच्चियों का नामांकन हो चुका है
सीएम ने कहा यह अच्छा बना है
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, कि यह बहुत अच्छा बना है. शिक्षक इसी परिसर में रहकर छात्रों को अच्छे से पढ़ाएंगे. बच्चों के रहने का भी बेहतर इंतजाम किया गया है. आगे वे कहते हैं, कि यहां शैक्षणिक काम को बेहतर ढंग से चलाएं, ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके. परिसर की साफ-सफाई का भी ध्यान रखें . आपको बता दें, इस विद्यालय परिसर में शिक्षक आवास, खेल मैदान सहित अन्य कई सुविधा दी गई हैं, जिससे छात्राओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो. इसके लिए तमाम व्यवस्थाएं भी की गई हैं.
मार्च से होगी पढ़ाई की शुरुआत
वहीं विद्यालय की प्रिंसिपल अंशु कुमारी बताती हैं, कि 520 बेड वाले इस विद्यालय के खुल जाने से न केवल इस इलाके की बच्चियों को पठन-पाठन में सुविधा मिलेगी बल्कि उन्हें बेहतर शिक्षा भी प्राप्त होगी. वर्तमान में इस विद्यालय में 276 बच्चियों का नामांकन हो चुका है. आगे भी बच्चियों को विद्यालय में आने का एक रास्ता खुल चुका है, और भी छात्राओं का नामांकन होना बाकी है. यहां की बच्चियों में प्रतिभा बहुत है, उन्हें निखारने की जरूरत है. संसाधन के अभाव में बच्चियों की प्रतिभा सामने नहीं आ पाती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. बच्चियों को अब एक अलग प्लेटफार्म दिया जाएगा. जहां बच्चियों को तैयार किया जाएगा. मार्च महीने से इस विद्यालय में पठन-पाठन शुरू हो जाएगा.
January 26, 2025, 11:12 IST