साइबर क्राइम की रैक‍िंग जारी, भारत 10वें पायदान पर, टॉप 3 में कौन से देश, दंग कर देंगे नाम


नई दिल्ली: दुनियाभर के साइबर क्राइम एक्‍सपटर्स के एक नई र‍िसर्च के मुताब‍िक भारत साइबर अपराध के मामले में 10वें स्थान पर है, जिसमें एडवांस फीस पेमेंट करने के लिए लोगों से जुड़ी धोखाधड़ी सबसे आम प्रकार की है. शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने ‘विश्व साइबर अपराध सूचकांक’ को एकत्र क‍िया, ज‍िसमें लगभग 100 देशों को रैंक क‍िया गया है. इसमें रैंसमवेयर, क्रेडिट कार्ड चोरी और घोटाले सहित साइबर अपराध की विभिन्न श्रेणियों के अनुसार प्रमुख हॉटस्पॉट की पहचान की गई है.

इस ल‍िस्‍ट के टॉप में रूस का नाम है और उसके बाद यूक्रेन, चीन, अमेरिका, नाइजीरिया और रोमानिया हैं. PLoS ONE जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, उत्तर कोरिया सातवें स्थान पर था, जबकि यूके और ब्राजील क्रमशः आठवें और नौवें स्थान पर हैं. इस सर्वे के दौरान शोधकर्ताओं ने विशेषज्ञों ने वर्चुअल वर्ल्‍ड के मेजर क्राइम के बारे में पूछा और उन देशों को नामांकित करने के लिए कहा जिनके बारे में उन्हें लगता है कि उनमें से प्रत्येक में महत्वपूर्ण योगदान था.

शोधकर्ताओं ने जिन प्रमुख श्रेणियों की पहचान की वे थीं – टेक्‍न‍िकल प्रोडक्‍ट और सर्व‍िस जैसे मैलवेयर और कॉम्प्रोमाइजिंग सिस्टमए रैंसमवेयर सहित हमले और जबरन वसूली, हैकिंग, समझौता खातों और क्रेडिट कार्ड सहित डेटा और पहचान की चोरी, अग्रिम शुल्क धोखाधड़ी जैसे घोटाले और नाजायज वर्चुअल करेंसी से नकदी निकालना या मनी लॉन्ड्रिंग करना.

सर्वेक्षण का जवाब देने के लिए मार्च से अक्टूबर 2021 तक निमंत्रण भेजे गए थे. टीम को 92 पूर्ण सर्वेक्षण प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं. शोधकर्ताओं ने पाया कि टॉप छह देश प्रत्येक साइबर अपराध श्रेणी में शाम‍िल थीं. उन्होंने आगे पाया कि जो देश साइबर अपराध के केंद्र हैं वे विशेष श्रेणियों में ‘विशेषज्ञ’ हैं. लेखकों ने अध्ययन में लिखा है क‍ि रूस और यूक्रेन अत्यधिक तकनीकी साइबर अपराध का केंद्र हैं, जबकि नाइजीरियाई साइबर अपराधी साइबर अपराध के कम तकनीकी रूपों में लगे हुए हैं.

शीर्ष रैंकिंग वाले देशों में, जबकि कुछ मध्यम तकनीकी जटिलता वाले साइबर अपराध प्रकारों में ‘विशेषज्ञ’ हो सकते हैं – जैसे कि डेटा और पहचान की चोरी में शामिल लोग – अन्य उच्च तकनीक और निम्न-तकनीकी दोनों अपराधों में ‘विशेषज्ञ’ हो सकते हैं. भारत घोटालों में ‘स्‍पेशि‍लाइज’ पाया गया. इसके अलावा रोमानिया और अमेरिका को हाई-टेक और लो-टेक दोनों अपराधों में स्‍पेश‍िलाइज पाया गया. भारत को ‘संतुलित केंद्र’ पाया गया, जो मध्य-तकनीकी अपराधों में ‘स्‍पेश‍िलाइज’ था. लेखकों ने लिखा क‍ि संक्षेप में प्रत्येक देश की एक अलग प्रोफाइल होती है, जो एक अद्वितीय स्थानीय आयाम को दर्शाती है. यूके के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अध्ययन के सह-लेखक मिरांडा ब्रूस ने कहाक‍ि अब हमें साइबर अपराध के भूगोल की गहरी समझ है, और विभिन्न देश विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध में कैसे विशेषज्ञ हैं.

Tags: Cyber Crime



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