सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीज को आया हार्ट अटैक, 30 मिनट में डॉक्टर ने CPR देकर बचा ली जान



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अरविंद शर्मा/भिंड. वो कहते हैं ना कि डॉक्टर भगवान का रूप होते है, इस वाक्य को भिंड के एक डॉक्टर ने सच कर दिखाया. मरीज को अचानक सीने में दर्द होने पर तत्काल स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहाँ वह दर्द की वजह से बेहोश हो गया. डॉक्टर ने समय पर CPR देकर उसकी जान बचा ली.
भीकम सिंह पुत्र मुन्ना लाल (32 साल) को रात 1 बजे अचानक सीने में असहनीय दर्द, सांस लेने मे तकलीफ, पसीने और बेहोशी की समस्या के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फूप लाया गया. फूप बीएमओ डॉ सिद्धार्थ चौहान और उनकी टीम ने गंभीरता से स्थिति को समझते हुए उसका तुरंत इमरजेंसी मे इलाज शुरु किया. जांच मे पता चला कि मरीज का बीपी 186/120 था, दिल की धड़कन 126 प्रति मिनट थी, ऑक्सीजन मात्रा घट रही थी, ऐसे में सबसे पहले डॉक्टर ने बेहोशी की हालत में मरीज को सीपीआर दिया. जिसके बाद डॉ चौहान को हार्ट अटैक की संभावना लगी जिसे कन्फर्म करने के लिए ट्रोपोनिन टी टेस्ट और ECG किया गया. जिसमे हार्ट अटैक की पुष्टि हुई. मरीज को सभी इमरजेंसी इंजेक्शन और दवाइयां देते हुए ऑक्सीजन पर शिफ्ट किया गया. तीन घंटे लगातार गहन उपचार और मॉनिटरिंग के बाद मरीज को होश आया जिससे उसकी जान बच गई.

क्या होता है सीपीआर
सीपीआर का फुल फॉर्म कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन है. यह इमरजेंसी मेडिकल तकनीक है, जिसके जरिए किसी व्यक्ति की सांस या दिल की धड़कन रुक जाने पर उसकी जान बचाई जा सकती है. जब अचानक हृदय गति रुक जाती है तो उस दौरान मस्तिष्क और फेफड़ों समेत बाकी हिस्सों के खून का दौरा भी बंद हो जाता है. ऐसे में सीपीआर एक प्राथमिक चिकित्सा का काम करता है. इसके जरिए मरीज की छाती पर दबाव बनाया जाता है जिससे वह होश में आ जाता है और मरीज की जान बच जाती है.

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FIRST PUBLISHED : June 21, 2023, 10:17 IST



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