सितंबर में लगा दें ये साग, 35 दिनों में किसान हो जाएंगे मालामाल, लेकिन इन बातों का रखें ध्यान


शाहजहांपुर: वैसे तो पालक की खेती के लिए सबसे अच्छा महीना दिसंबर होता है. लेकिन सही वातावरण में पालक की खेती साल भर हो सकती है. पालक की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए बुवाई जनवरी-फरवरी, जून-जुलाई और सितंबर-अक्टूबर में की जा सकती है, जिससे पालक की अच्छी पैदावार प्राप्त होती है. सितंबर के अंतिम में हल्की ठंड आमतौर पर शुरू हो जाती है. ठंडा मौसम पालक के पौधों के विकास के लिए अनुकूल होता है. पालक की अगेती फसल लगाने से किसानों को अच्छा उत्पादन और मुनाफा मिलता है. पालक लगभग 30 से 35 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है.

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि पालक की खेती के अच्छी मिट्टी का चुनाव करना बेहद जरूरी है. पालक हल्की, उपजाऊ और जल निकासी वाली मिट्टी में सबसे अच्छा उगता है. पालक की फसल लगाने से पहले खेत की जुताई अच्छे से करें. खेत की गहरी जुताई से मिट्टी हवादार हो जाएगी और पानी की निकासी बेहतर होगी, तो किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा.

खेत को ऐसे करें तैयार
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि खेत की गहरी जुताई के बाद अच्छी गुणवत्ता वाली खाद या कंपोस्ट डालें. यह मिट्टी को पोषक तत्वों से भरपूर बनाएगा. बेहतर होगा कि पालक की फसल बोने से पहले मृदा परीक्षण जरूर करा लें. इसके अलावा अच्छी गुणवत्ता और प्रमाणित बीज ही खरीदें, बीज खरीदते समय पंजीकृत दुकान से ही लें. अच्छी गुणवत्ता के बीज की बुवाई करने से अच्छी उपज मिलेगी. कीट नहीं लगेंगे.

पालक की बुवाई में इन बातों का रखें ध्यान
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि सितंबर के पहले हफ्ते में पालक की बुवाई करने से अच्छी उपज मिलती है. बुवाई करते समय गहराई का विशेष ध्यान रखें. बीज को मिट्टी में 1 से 2 सेंटीमीटर की गहराई तक बोएं. लाइन से लाइन की दूरी 20-30 सेंटीमीटर का अंतर रखें. पालक को नियमित रूप से पानी दें. पर्याप्त नमी बनाएं रखें. ध्यान रखें कि खेत में पानी का भराव न हो.

इस समय करें पालक की कटाई
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि पालक की फसल में समय पर खरपतवार नियंत्रण करना भी बेहद जरूरी है. समय-समय पर खेत से खरपतवारों को हटाते रहें. निराई-गुड़ाई करते रहें. खरपतवार नियंत्रण होने से फसल की अच्छी बढ़वार होती है. जब पौधे 4 से 6 सप्ताह के हो जाएं तो कटाई शुरू कर सकते हैं. पौधों को जड़ से उखाड़ लें या पत्तियों को तोड़कर इकट्ठा करें. किसान ध्यान रखें कि पालक की कटाई हमेशा शाम के समय करें और सुबह बाजार लेकर जाएं.

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