सिरसा में निर्जला एकादशी पर बांटा गन्ने का रस…सात सालों से रिक्की कर रहे सेवा



Sirsa News सिरसा में निर्जला एकादशी पर बांटा गन्ने का रस...सात सालों से रिक्की कर रहे सेवा

नकुल जसूजा/सिरसा: हिंदू धर्म में सभी एकादशी का विशेष महत्व होता है, लेकिन निर्जला एकादशी का महत्व सबसे बड़ा है. निर्जला एकादशी को साल की सबसे बड़ी एकादशी माना जाता है. इस दिन लोग भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. धन और समृद्धि में वृद्धि होती है. साथ ही सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

ऐसे में इस दिन लोग दूसरे लोगों की सेवा करने को भी सौभाग्य समझते हैं. तमाम जगहों पर लोग राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए मीठे पानी का वितरण करते हैं. सिरसा के महाराणा प्रताप में निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले का एक उदाहरण हम आपको देने जा रहे हैं. यहां निर्जला एकादशी के मौके पर रिक्की नाम के एक व्यक्ति ने अपने निजी खर्च से गन्ने की जूस की छबील लगाई है.

इस छबील पर 10 गन्ने के जूस की मशीन भी लगाई है. गन्ने के मीठे रस से लोगों की प्यास बुझाने के लिए 120 क्विंटल गन्ना भी मंगवाया गया है. रिक्की का कहना है कि सुबह से ही लोग गन्ने का जूस पीने के लिए उनके छबील पर आ रहे हैं. लोगों की प्यास बुझाने को वह बेहद ही पुण्य का काम मानते हैं और इस काम को उन्होंने अपने पिता के कहने पर शुरू किया था. पिछले 7 सालों से वह एकादशी के मौके पर लोगों को पानी पिलाते हैं.

25 क्विंटल से की थी शुरुआत
आगे बताया कि शुरुआत 25 क्विंटल गन्ने का जूस पिलाने के साथ की थी और उसके बाद हर साल बढ़ते-बढ़ते इस बार 120 कवंटल गन्ने का जूस वितरित किया है. रिक्की का कहना है कि उनके इस काम में उनके दोस्त भी उनकी मदद करते हैं. उनके दोस्तों को ये काम को करना अच्छा लगता है. कहा की सभी लोगों को ऐसे नेक काम करते रहना चाहिए.

.

FIRST PUBLISHED : June 01, 2023, 00:15 IST



Source link

x