सुधा मूर्ति ने राज्यसभा में जेरियाट्रिक वार्ड की मांग की
Last Updated:
Sudha Murthy Demands Geriatric Ward: जाने-माने उद्योगपति एन नारायण मूर्ति एक तरफ अपने बेतुके बयानों से घिरे रहते हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनकी पत्नी राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति अपनी साफागोई के लिए जानी जाती है. इस …और पढ़ें
Sudha Murthy Demands Geriatric Ward: एक तरफ जहां पति एन नारायण मूर्ति अपने बेतूके बयानों के लिए घिर जाते हैं तो वहीं पत्नी सुधा मूर्ति अपने सौम्य स्वभाव और अपनी साफागोई के लिए जानी जाती हैं. सुधा मूर्ति वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं और उन्होंने अपने पहले ही भाषण से सबका दिल जीत चुकी है. उनके भाषण की तारीफ स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं. इस बार सुधा मूर्ति ने राज्यसभा में बुजुर्गों के लिए प्रत्येक जिले में जेरियाट्रिक वार्ड बनाने की मांग की है. उन्होंने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि देश में बुजुर्गों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. ऐसे में देश के हर जिले में जेरियाट्रिक वार्ड खोले जाने चाहिए. आखिर यह जेरिएट्रिक वार्ड क्या होता है और इसमें किसका और किस तरह का इलाज होता है, आइए इसके बारे में जानते हैं.
क्या होता है जेरिएट्रिक डिपार्टमेंट
जेरियाट्रिक का मतलब है जरा चिकित्सा यानी ज्यादा उम्र से संबंधित होने वाली परेशानियों का इलाज. मतलब जहां बुजुर्गों का उम्र से संबंधित परेशानियों का इलाज हो, उसे जेरियाट्रिक वार्ड या जरा चिकित्सा कहा जाता है. इस विभाग में विशेष रूप से वृद्धावस्था से जुड़ी बीमारियां जैसे कि गठिया, हृदय रोग, डायबिटीज, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, डिमेंशिया, अल्जाइमरऔर उम्र से संबंधित अन्य शारीरिक और मानसिक समस्याओं का इलाज किया जाता है. जेरियाट्रिक मेडिसिन का उद्देश्य बुजुर्गों को बेहतर जीवन गुणवत्ता और आत्मनिर्भरता प्रदान करना होता है ताकि वे अपनी उम्र के हिसाब से अच्छी हेल्थ के साथ जीवन यापन कर सके.
कौन से डॉक्टर करते हैं इलाज
जेरियाट्रिक डिपार्टमेंट में डॉक्टर अलग तरह से प्रशिक्षित होते हैं. ये डॉक्टर फिजिशियन होते हैं. यह इंटरनल मेडिसीन का हिस्सा होता है. ये डॉक्टर बुजुर्गों में जीवन की गुणवत्ता को सुधार करते हैं. ये डॉक्टर बुजुर्गों की शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ, भावनात्मक, बौद्धिक और सामाजिक जरूरतों का भी विश्लेषण करते हैं और उस हिसाब से बुजुर्गों का इलाज करते हैं. जेरिएयाट्रिक डिपार्टमेंट में डायटीशियन, फिजिकल थेरेपिस्ट, नर्स, फर्मासिस्ट, ऑक्यूपेशनल थीरेपिस्ट, साइकेट्रिस्ट, साइकोलॉजिस्ट, सोशल वर्कर, स्पीच और हीयरिंग स्पेशलिस्ट शामिल होते हैं.
एम्स में राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र अलग से
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थन में नेशनल सेंटर फॉर एजिंग यानी राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र अलग से देश के लोगों के लिए समर्पित है. हालांकि 1993 में एम्स में जेरियाट्रिक डिपार्टमेंट को अलग कर दिया गया था लेकिन 2024 में यह पूरी तरह से अलग होकर राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र में बदल गया. यहां 60 साल से उपर के किसी भी व्यक्ति का किसी भी तरह का इलाज किया जाता है.
सुधा मूर्ति ने क्या कहा
सुधा मूर्ति ने राज्यसभा में सरकार से मांग की देश में प्रत्येक जिला अस्पताल में जेरियाट्रिक वार्ड की स्थापना की जाए. उन्होंने कहा बुजुर्ग होना हमारे जीवन का हिस्सा. हर किसी को बुजुर्ग होना है. लेकिन वे भी सम्मानजनक तरीके से जीने के अधिकारी हैं. वर्तमान में बहुत कम अस्पतालों में जेरियाट्रिक डिपार्टमेंट है. इसलिए देश के हर जिले में जेरियाट्रिक वार्ड की स्थापना होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि चूंकि बुजुर्गों को किसी न किसी अन्य को लेकर अस्पताल आना पड़ता है, इसलिए जेरियाट्रिक डिपार्टमेंट को इस तरह से डिजाइन किया जाए जिसमें एक बुजुर्ग पर दो लोगों के स्पेस की व्यवस्था हो. पूरा डिपार्टमेंट में इतना स्पेस हो कि हर बुजुर्ग के साथ एक अन्य व्यक्ति की व्यवस्था हो.
देश में कितने हैं बुजुर्ग
पूरी दुनिया में 1950 से अब तक लोगों की जीवन प्रत्याशा 25 साल बढ़ी है. 19947 में जहां भारत की जीवन प्रत्याशा 32 साल थी वहीं यह अब बढ़कर 68 साल हो गई है. मतलब साफ है कि लोगों की उम्र बढ़ रही है और इस लिहाज से पूरी दुनिया में बुजुर्गियत भी बढ़ रही है. फिलहाल भारत को सबसे युवा आबादी कहा जाता है लेकिन इंडिया एजिंग रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में भारत में कुल आबादी में 10.5 प्रतिशत आबादी 60 साल सी उपर की हैं. यानी फिलहाल 14.9 करोड़ लोगों की आयु 60 साल के उपर की हैं लेकिन चिंता की बात यह कि 2050 में भारत में 20.8 प्रतिशत आबादी बुजुर्ग हो जाएगी.
February 03, 2025, 15:30 IST