सेहत का खजाना है ये जंगली फल! 2000 मीटर ऊंची पहाड़ियों से लाते हैं ग्रामीण, पेट और डायबिटीज की बीमारियों के लिए है रामबाण!
श्रीनगर गढ़वाल: यूं तो प्रकृति में कई प्रकार के फल पाये जाते हैं, जो खाने में स्वादिष्ट तो होते हैं, लेकिन उत्तराखंड में एक जंगल फल भमोरा पाया जाता है, जो स्वादिष्ट होने के साथ ही कई औषधीय गुणों से भी भरपूर है. इस फल को हिमालय स्ट्रॉबेरी के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि यह फल स्ट्रॉबेरी की तरह दिखाई देता है. इसमें कई प्रकार के औसधीय गुण और पोषक तत्व पाये जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिये बेहद लाभदायक होते हैं. साथ ही यह फल कई प्रकार के रोगों से निपटने में भी सहायक होता है.
गढ़वाल विश्वविद्यालय के हाई एल्टीट्यूड प्लांट फिजियोलॉजी रिसर्च सेंटर(हैप्रेक) के रिसर्चर डॉ. जयदेव चौहान ने लोकल 18 को बताया कि भमोरा (कॉर्नस कैपिटाटा) फल केवल हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है. यह फल नेपाल, भूटान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के जंगलों में बड़े स्तर पर पाया जाता है.
पोषक तत्वों से भरपूर होता है भमोरा
उन्होंने बताया कि यह फल 1200 मीटर से 2000 मीटर वाले ऊंचाई क्षेत्रों में पाया जाता है. यह फल बांज और बुरांश पेड़ के जंगलों के बीच में पाया जाता है. इस फल में विटामिन-C, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, और फास्फोरस जैसे तत्व भी पाये जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिये बेहद लाभदायक होते हैं.
पेट की बीमारियों के लिए है रामबाण
डॉ. जयदेव ने बताया कि इसमें केवल पोषक तत्व ही नहीं होते हैं, बल्कि यह पेट संबंधित समस्याओं को भी दूर करता है. साथ ही, अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज की समस्या है और वह इस फल का नियमित सेवन करता है, तो काफी हद तक डायबिटीज कंट्रोल में रहता है.
इसके अलावा मूत्र संबंधित रोगों से जुड़ी समस्याओं में भी यह फल लाभकारी होता है. भमोरा फल नंवबर के माह में पक कर खाने लायक हो जाता है. हिमालयी क्षेत्रों में स्थानीय लोग इस फल का खूब सेवन करते हैं और दवाई के रूप में भी इसका प्रयोग करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 17, 2024, 06:10 IST