स्वास्थ्य विभाग की आंखों पर पट्टीः जिस डॉक्टर ने 44 ऑपरेशन कर दिए, उसके पास तो डिग्री ही नहीं थी
हिसार. डॉक्टर ने 44 लोगों की आंखों के ऑपरेशन कर दिए. फिर स्वास्थ्य विभाग को पता चला कि उनके पास तो डिग्री ही नहीं है और अब तक एग्जाम क्लीयर ना होने की वजह से उनका कोर्स पूरा नहीं हुआ है. हैरान करने वाला यह मामला हरियाणा के हिसार का है. फिलहाल, अब स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर के ऑपरेशन लगाने पर रोक लगा दी है.
दरअसल, हरियाणा के हिसार में जिला नागरिक अस्पताल के आई डिपार्टमैंट में बड़ी संख्या में आंखों के ऑपरेशन होते हैं. अहम बात है कि हर साल विभाग 1 हजार से अधिक ऑपरेशन करता है, लेकिन इस बार 11 महीने 71 ही ऑपरेशन हो पाए. बीते चार महीने में किसी भी शख्स की आंखों का ऑपरेशन नहीं हुआ तो मामले का खुलासा हुआ.
जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल ऑफिसर डॉ. विजय को आई सर्जन नियुक्त किया. लेकिन उनकी डिग्री पूरी नहीं है और इस वजह से नेशनल प्रोग्राम फॉर द कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस (एनपीसीबी) के डिप्टी डायरेक्टर ने उन्हें सर्जरी से रोक दिया. जब ये आदेश दिए गए, तब तक वह 44 ऑपरेशन कर चुके थे.
अब अस्पताल में कोई सर्जन नहीं
हिसार के नागरिक अस्पताल में नेत्र विभाग 3 सर्जंस की पोस्ट हैं. हालांकि, इस समय एक भी नहीं है. 3 सर्जन इस्तीफा देकर निजी अस्पतालों में चले गए. पहले स्वास्थ्य मंत्री हिसार से थे और इसके चलते विभाग ने आनन-फानन में पीजी कोर्स कर रहे मेडिकल ऑफिसर को आई-सर्जन बना दिया. हांसी नागरिक अस्पताल में तैनात नेत्र सर्जन ज्योति की हिसार में ड्यूटी लगाई गई. जनवरी से मार्च तक कोई ऑपरेशन नहीं हुआ. अप्रैल से जुलाई तक दोनों ने सेवाएं देनी शुरू कीं. डॉ. ज्योति की सुपरविजन में डॉ. विजय ओपीडी संभालने के साथ आंखों की सर्जरी करने लगे. डॉ. ज्योति ने 4 माह में 27 और डॉ. विजय ने 44 ऑपरेशन किए.बाद में डॉ. ज्योति का एसएमओ पद पर प्रमोशन के साथ तबादला हो गया और वहीं, डॉ. विजय की डिग्री पूरी नहीं हुई तो एनपीसीबी ने सर्जरी करने से रोक दिया. वह अब लंबी छुट्टी पर चले गए हैं. नेत्र विभाग की ओपीडी सेवाओं के लिए अग्रोहा मेडिकल कॉलेज से एक डॉक्टर को डेप्यूट किया है.
अभी कोर्स कर रहा है डॉक्टर
हिसार की सीएमओ सपना गहलावत ने बताया कि डॉक्टर विजय के एग्जाम पूरे नहीं हुए हैं. अग्रोहा मेडिकल कॉलेज से आई स्पेशलिस्ट के लिए डेप्युटेशन में डॉक्टर लगाए हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही एग्जाम पास करने के बाद स्टेट से सर्जरी करने की परमिशन मिल जाएगी. गौरतलब है कि अस्पताल में अब कोई आई सर्जन नहीं होने से आंखों के ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं औऱ मरीज मोतियाबिंद, बच्चों की रेटिनोपैथी, भेंगापन समेत अन्य सर्जरी अग्रोहा मेडिकल कॉलेज या निजी अस्पतालों में करानी पड़ रही हैं.
Tags: Eye Donation, Health Insurance
FIRST PUBLISHED : November 22, 2024, 09:38 IST