हर छात्र की होगी एक यूनिक आईडी, एक क्‍लिक में पकड़ी जाएगी फर्जी मार्कशीट, खुलेगी स्‍टूडेंट की कुंडली


यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UIN) के माध्यम से अब स्टूडेंट्स की पूरी शैक्षणिक जानकारी एक क्लिक में देखी जा सकेगी. इसे परमानेंट एजुकेशन नंबर (Permanent Education Number) भी कहा जा रहा है. इस कदम का उद्देश्य न केवल भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी रोकना है, बल्कि छात्रों की पूरी जानकारी को एकत्रित और संरक्षित करना भी है.

आधार कार्ड से होगा अटैच राजस्थान के शिक्षा विभाग द्वारा हर छात्र को परमानेंट एजुकेशन नंबर प्रदान किया जाएगा, जो आधार कार्ड से जुड़ा होगा. इसकी मदद से छात्रों की हर जानकारी की जांच की जा सकेगी और उनकी शैक्षणिक प्रगति को ट्रैक किया जा सकेगा. यह नंबर छात्रों को नौकरी और करियर संबंधी मामलों में भी सहायता करेगा. इस परमानेंट एजुकेशन नंबर को ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (Automated Permanent Academic Account Registry – APAR) का नाम दिया गया है.

12 अंकों का होगा यूनिक नंबर
राजस्थान के शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया जाने वाला परमानेंट एजुकेशन नंबर 12 अंकों का होगा, जिसे स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा प्रदान किया जाएगा. इसके लिए एक नया पोर्टल भी तैयार किया जा रहा है. इस पूरी व्यवस्था की देखरेख के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. इस आईडी में छात्र के सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड, सिलेबस, मार्कशीट, प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज दर्ज रहेंगे, जिन्हें कहीं से भी एक्सेस किया जा सकेगा.

फर्जी मार्कशीट पर लगेगी रोक APAR
आईडी के तहत छात्रों को परमानेंट एजुकेशन नंबर अलॉट होने से फर्जी मार्कशीट पर भी रोक लगेगी. छात्रों के सभी रिकॉर्ड एक जगह संग्रहित होने से कोई भी उनकी मार्कशीट में छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा. इसके अलावा, उनकी सभी शैक्षणिक गतिविधियों को भी ट्रैक किया जा सकेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली भर्ती परीक्षाओं के दौरान फर्जी मार्कशीट जैसी घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा सकेगी. अगर कोई व्यक्ति फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी हासिल करने की कोशिश करेगा, तो इस आईडी के माध्यम से उसका रिकॉर्ड तुरंत चेक किया जा सकेगा.

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