हायर पेंशन चुनने के लिए सिर्फ 9 दिन बाकी, EPFO ने बता दिया कैसे तय होगी राशि, कौन उठा सकता है फायदा
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हाइलाइट्स
हायर पेंशन स्कीम के तहत EPS कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ा सकते हैं.
EPS कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ाने के लिए आखिरी तारीख 26 जून है.
EPFO ने हायर पेंशन स्कीम के तहत पेंशन कैल्कुलेट करने का फॉर्मूला जारी किया है.
नई दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने हायर सैलरी पर पेंशन कैल्कुलेट करने का फॉर्मूला जारी किया है. ये फॉर्मूला उनके काम आएगा जो हायर पेंशन स्कीम का फायदा उठाना चाहते हैं. आपको बता दें कि इस स्कीम के लिए एनरोल करने की आखिरी तारीख 26 जून है. अगर आप 1 सितंबर, 2014 या उससे पहले EPFO के सदस्य थे तो आप इस स्कीम के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
क्या है पेंशन का फॉर्मूला?
पेंशन= पेंशनेबल सैलरी (आखिरी 60 महीनों की सैलरी का औसत) X साल (जितने साल कॉन्ट्रिब्यूशन जमा किया)/ 70 जो लोग 1 सितंबर, 2014 से पहले रिटायर हो गए थे, उनका पेंशन रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों की एवरेज सैलरी के हिसाब से कैल्कुलेट होगा.
क्या है हायर पेंशन स्कीम?
मान लीजिए कि एक कर्मचारी कि बेसिक सैलरी 1,00,000 रुपये है. तो इस एक लाख का 12 प्रतिशत यानी 12,000 रुपये कर्मचारी का EPF कॉन्ट्रीब्यूशन होता है. इतना ही अमाउंट एम्प्लॉयर की तरफ से EPF और EPS में जमा होता है. नियम के मुताबिक, बेसिक सैलरी का 8.33 प्रतिशत हिस्सा एम्प्लॉयर EPS में देते हैं और बाकी का हिस्सा EPF में.
1 सितंबर, 2014 और उससे पहले से EPS से जुड़े कर्मचारी हायर पेंशन स्कीम के तहत अपना EPS कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ा सकते हैं.
2014 में एक नियम आया. इस नियम में कहा गया कि 15000 रुपये बेसिक से ऊपर की सैलरी EPS के लिए एलिजिबल नहीं होगी. यानी 15000 की सैलरी तक ही 8.33 प्रतिशत यानी अधिकतम 1250 रुपये ही हर महीने EPS में जमा किए जा सकेंगे. इसके अलावा सारा पैसा EPF में जाएगा. यानी एक लाख बेसिक सैलरी का EPS कॉन्ट्रिब्यूशन भले ही 8,330 रुपये बने, एम्प्लॉयर EPS में 1250 रुपये ही जमा करेगा और बाकी के पैसे EPF में जमा होंगे.
हालांकि, जो लोग 1 सितंबर, 2014 और उससे पहले से EPFO से जुड़े थे उनके पास ऑप्शन था कि वो छह महीने के अंदर हायर सैलरी पर EPS कॉन्ट्रिब्यूट करने का आवेदन दे सकें. कई कर्मचारियों ने आवेदन दिया भी, लेकिन EPFO ने ऐसे आवेदनों को खारिज कर दिया. इसके खिलाफ कई कर्मचारी कोर्ट पहुंचे, नवंबर, 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने 15000 की अधिकतम पेंशनेबल सैलरी के नियम को सही माना. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि 1 सितंबर, 2014 और उससे पहले EPFO के मेंबर बने कर्मचारियों और उनके एम्प्लॉयर्स EPFO में जॉइंट एप्लिकेशन देकर हायर पेंशन स्कीम के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
रिटायरमेंट की प्लानिंग करियर शुरू होते ही कर लेनी चाहिए.
हायर पेंशन स्कीम के तहत, एक कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 8.33 प्रतिशत अमाउंट उसके एम्प्लॉयर की तरफ से उस उसके EPS अकाउंट में कॉन्ट्रीब्यूट किया जाएगा. यानी अगर कोई कर्मचारी हायर पेंशन स्कीम का ऑप्शन चुनता है तो उसकी बेसिक सैलरी एक लाख होने पर, बेसिक सैलरी का 8.33 प्रतिशत यानी 8330 रुपये EPS में जमा होंगे. बाकी का 3.7 प्रतिशत EPF अकाउंट में. ये स्कीम 1 सितंबर, 2014 के बाद EPS से जुड़े लोगों के लिए नहीं है. हायर पेंशन स्कीम चुनने पर कर्मचारी से 1.16 प्रतिशत का कॉन्ट्रिब्यूशन भी लिया जाएगा.
कैसे अप्लाई करें?
अगर आप हायर पेंशन स्कीम के लिए एलिजिबल हैं और इसके लिए अप्लाई करना चाहते हैं तो आपको EPFO पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा. ज़रूरी दस्तावेज देने होंगे. UAN में बस e-Sewa पोर्टल पर जाकर मेंबर इंटरफेस पर जाकर अप्लाई करना होगा. इसके लिए पहले लास्ट डेट 3 मई थी, जिसे बढ़ाकर 26 जून किया गया है.
एप्लिकेशन सबमिट होने के बाद कर्मचारी के एम्प्लॉयर से वेरिफिकेशन मांगा जाएगा. EPFO ऑफिसर एप्लिकेशन को वेरिफाई करेंगे, सब सही निकलने पर ड्यूज़ ट्रांसफर करने की प्रोसेस शुरू होगी. अगर फॉर्म्स में कुछ गड़बड़ी होती है तो उसे सुधारने के लिए कर्मचारी और उनके एम्प्लॉयर को एक महीने का समय दिया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : June 17, 2023, 06:30 IST