हेयर केयर प्रोडक्ट्स का क्या है महिलाओं की सेहत से कनेक्शन? कहीं आप तो सैलून से नहीं ला रहीं बीमारी?


बाल हमारी पर्सनैलिटी का सबसे जरूरी हिस्सा हैं. हेयरस्टाइल बदलते ही चेहरे की लुक बदल जाती हैं. बालों को महिलाओं का असली गहना माना जाता है. इसलिए महिलाएं अपने चेहरे के साथ बालों पर भी खूब ध्यान देती हैं. बालों को शाइनी, स्मूथ, स्ट्रेट और सिल्की बनाने के लिए वह कई तरह के हेयर प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करती रहती हैं. इसके अलावा तरह-तरह के हेयर कलर के साथ भी नई लुक के एक्सपेरिमेंट जारी रहते हैं. यह हेयर प्रोडक्ट भले ही बालों को खूबसूरत बनाते हैं लेकिन इनका एक बदसूरत चेहरा भी है. गुपचुप तरीके से यह प्रोडक्ट्स महिलाओं की सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं.       

बालों को स्ट्रेट करना पड़ेगा महंगा
घुंघराले, बेजान बालों को स्ट्रेट करने के लिए कई तरह की हेयर रिलैक्सर क्रीम बाजार में बिक रही हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बालों को सीधा करने वाली क्रीम महिलाओं के एंडोक्राइन सिस्टम को प्रभावित करती हैं जहां से फीमेल हार्मोन रिलीज होते हैं. हावर्ड एजुकेशन वेबसाइट के अनुसार इस तरह की हेयर क्रीम बालों के क्यूटिकल को पेनिट्रेट करती हैं जिससे बालों के अंदर की नैचुरल परत डैमेज हो जाती है. इससे बाल झड़ने तो लगते हैं लेकिन साथ में अनियमित पीरियड्स, यूट्रस में फैब्राइड, इनफर्टिलिटी और ब्रेस्ट, ओवेरियन या एंडोमेट्रियल यानी गर्भाशय के कैंसर की आशंका बढ़ जाती है. वहीं, आजकल केराटिन हेयर ट्रीटमेंट भी बहुत पॉपुलर है. द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी रिपोर्ट के अनुसार इस तरह के ट्रीटमेंट में ग्लाइऑक्सिलिक एसिड का इस्तेमाल होता है. यह एसिड किडनी को नुकसान पहुंचाता है.  

खुशबूदार तेलों से रहें दूर
पसीना आते ही बालों से बदबू आने लगती है. बालों को खुशबूदार बनाने के लिए कई तेल और स्प्रे आते हैं. लेकिन इससे ना केवल स्कैल्प सेंसिटिव हो रही है बल्कि उस पर रैशेज और दाने भी निकल रहे हैं. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में हुई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की स्टडी में सामने आया कि स्कैल्प को खुशबूदार और कूल बनाने वाले कुछ तेलों में कपूर का इस्तेमाल होता है जो दिमाग के केमिकल्स का संतुलन बिगाड़ता है. इससे व्यक्ति को दौरे आ सकते हैं. इसके अलावा ऐसे तेल एक्जिमा, किडनी और नर्वस डिसऑर्डर भी कर सकते हैं.      

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कुछ हेयर ब्यूटी प्रोडक्ट्स में PFAS नाम के केमिकल का इस्तेमाल होता है जो महिलाओं की प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है. (Image- Canva)

हेयर एक्सटेंशन से मेटल पॉइजनिंग?
जिन लोगों के बाल पतले हैं या स्कैल्प दिखती हैं, उन्हें हेयर एक्सटेंशन की सलाह दी जाती है. इसमें हेयर एक्सटेंशन को पतले बालों से ग्लू की मदद से अटैच किया जाता है. जिनके बाल मोटे होते हैं, उनके एक्सटेंशन मेटल क्लिप से लगाए जाते हैं. ग्लू और मेटल, दोनों तरह के हेयर एक्सटेंशन से स्कैल्प में एलर्जी या केमिकल रिएक्शन हो सकता है. जिन लोगों को ज्यादा पसीना आता है या स्विमिंग करते हैं, उन्हें इससे दिक्कत ज्यादा होती है. हेयर एक्सटेंशन से स्कैल्प में मेटल पॉइजनिंग हो सकती है. हेयर एक्सटेंशन क्लिप में मौजूद लेड, मरकरी और आर्सेनिक जैसी जहरीली धातु जब स्कैल्प की त्वचा की छूती है तो तुरंत एब्जॉर्ब हो जाती हैं जिससे सिर दर्द और स्कैल्प में कंघी या तौलिया छूते ही दर्द होता है.       

हेयर ट्रीटमेंट ऐसे लोगों को ज्यादा सता सकता है
पारस हॉस्पिटल, गुरुग्राम की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. निधि अग्रवाल के अनुसार  जिन महिलाओं की स्कैल्प सेंसिटिव है या रैशज, दाने, सोरायसिस, एक्जिमा या ल्यूकोडर्मा जैसी स्किन से जुड़ी बीमारियां हैं, उन्हें हेयर ब्यूटी ट्रीटमेंट और प्रोडक्ट्स से बचना चाहिए. साथ ही जो डायबिटीज की शिकार हैं या प्रेग्नेंट हैं या दूध पिलाने वाली मां हैं, उन्हें भी इन चीजों से तौबा करनी चाहिए.

 इन गलतियों से भी खराब होते हैं बाल
हेयर ट्रीटमेंट, कलर और स्टाइलिंग से तो सेहत और बालों की क्वालिटी बिगड़ती ही है लेकिन कुछ आदतें भी बालों को खराब करती हैं. बालों पर हमेशा हेयर टेक्सचर के हिसाब से कंघी करनी चाहिए. दिन में 2 बार से ज्यादा कंघी करने से बाल दोमुंहे होने लगते हैं और टूटते भी बहुत हैं. हेयर वॉश के बाद बालों को तौलिए से पोंछने या झाड़ने से उनकी जड़े कमजोर होने लगती हैं. रात को सोते हुए तकिए पर सैटिन कवर चढ़ाएं. इससे बाल स्मूथ रहते हैं. बालों को कभी खोलकर नहीं सोना चाहिए.  

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अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने हेयर क्रीम में इस्तेमाल होने वाले फार्मल्डिहाइड नाम के केमिकल को बैन कर दिया है. (Image- Canva)

बाल ही नहीं, स्कैल्प की भी ऐजिंग
डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. निधि अग्रवाल के अनुसार एक उम्र के बाद चेहरे पर झुर्रियां दिखने लगती हैं. यह सलवटें केवल चेहरे पर ही नहीं बल्कि स्कैल्प पर भी पड़ती हैं. स्कैल्प पर एजिंग चेहरे के मुकाबले 6 गुना तेजी से बढ़ती है. इससे बालों की ग्रोथ थम सी जाती है. जहां एक नॉर्मल स्कैल्प पर बाल 1.25 सेंटीमीटर से बढ़ते हैं, वहीं ऐजिंग के बाद यह घटकर 0.25 रह जाते हैं. स्किन केयर की तरह स्कैल्प को भी केयर की जरूरत होती है. इसके लिए स्कैल्प का फेशियल करें. इससे स्कैल्प से डेड स्किन स्किन रिमूव होती है. अगर स्कैल्प ऑयली है तो मड बेस्ड हेयर प्रोडक्ट यूज करें और अगर स्कैल्प ड्राई और सेंसिटिव है तो ग्रीन टी या पेपरमिंट वाले स्कैल्प मास्क, ऑयल और स्क्रब इस्तेमाल करें. स्कैल्प की एजिंग को रोकने के लिए हेयर बोटॉक्स भी अच्छा विकल्प है.   

जैसी डाइट वैसे बाल
व्यक्ति जैसी डाइट लेता है, वैसा ही असर उनकी स्किन और बालों पर दिखता है. ऐसे कई फल हैं जो बालों को काला, चमकदार और स्मूथ बनाते हैं. कीवी खाने से बाल समय से पहले सफेद नहीं होते. केला, सेब और पपीता हेयर फॉल को रोकता है. अमरूद और पपीता डैंड्रफ से बचाते हैं. स्ट्रॉबेरी और आंवले से बालों के इंफेक्शन दूर रहते हैं और स्कैल्प की सेहत दुरुस्त रहती हैं. अनार से बाल लंबे, काले और घने बनते हैं.  

Tags: Female Health, Hair Beauty tips, Kidney disease



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