हो गया क्लियर! नए ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रक्रिया में कातिब और स्टैम्प वेंडर नही होंगे बेरोजगार, जानें प्रक्रिया


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Patna News : बिहार के रजिस्ट्री ऑफिस में पेपरलेस रजिस्ट्री शुरू होने के बाद भी कातिब या स्टैंप वेंडर बेरोजगार नही होंगे.आरा के सब रजिस्टार तारकेश्वर पांडेय ने लोकल 18 को साफ तौर पर बता दिया कि किसी भी डीडी रायट…और पढ़ें

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हो गया क्लियर ! नए ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रक्रिया में कातिब और स्टैम्प वेंडर नही हों

हाइलाइट्स

  • कातिब और स्टैम्प वेंडर बेरोजगार नहीं होंगे.
  • ऑनलाइन प्रक्रिया से रजिस्ट्री आसान होगी.
  • लॉगिन कर पहले जैसा कार्य कर सकेंगे.

भोजपुर : बिहार के रजिस्ट्री ऑफिस में पेपरलेस रजिस्ट्री शुरू होने के बाद भी कातिब या स्टैंप वेंडर बेरोजगार नही होंगे. आरा के सब रजिस्टार तारकेश्वर पांडेय ने लोकल 18 को साफ तौर पर बता दिया कि किसी भी डीडी रायटर(कातिब) या स्टाम्प वेंडरों को चिंता करने की जरूरत नही है. राज्य सरकार उनके लिए भी विकल्प दे रही है. वो लॉगिन कर पहले जैसा कार्य करते रहंगे सिर्फ अंतर इतना होगा कि पहले फिजिकल डीड तैयार करते थे अब वो ऑनलाइन कार्य करेंगे.

बिहार में अब तक जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए लोगों को कई बार निबंधन कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे. लेकिन नए सॉफ्टवेयर के आने से लोगों को यह परेशानी नहीं होगी. उन्हें घर बैठे ही सारा काम ऑनलाइन करने की सुविधा मिलेगी. रजिस्ट्री प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए निबंधन कार्यालय में लगातार ट्रायल कराया जा रहा है.

बता दें कि बिहार में अब ऑनलाइन जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश और अन्य कई राज्यों के तर्ज पर बिहार में ये सुविधा आम जनता के सहूलियत के लिए शुरू की गई है. फिलहाल खरीदार या बिक्रेता ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेते है. अब सॉफ्टवेयर को अपडेट किया गया है. आने वाले कुछ ही महीनों में डीड भी ऑनलाइन ही तैयार होगा. बिक्रेता या खरीदार को सिर्फ जमीन और खुद से जुड़ी जानकारी डालनी होगी उसके बाद ऑटोमेटिक डीड तैयार हो जायेगा. इसका ट्रायल भी आरा में जनवरी माह से शुरू हो चुका है. सरकार के आदेश के बाद इसे लागू कर दिया जायेगा.

हालांकि इन सबके बीच पूरे बिहार के लाखों कातिब और स्टैम्प वेंडर ऊहापोह की स्थिति में है कि जब सब प्रक्रिया ऑनलाइन होगी तो वो बेरोजगार हो जाएंगे. इसके लिए कई जिला में कातिब और स्टैम्प वेंडरों ने विरोध भी किया है. कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है. लेकिन इस स्थिति को आरा के सब रजिस्टार तारकेश्वर पांडेय ने क्लियर कर दिया. उन्होंने ने बताया की जब ऑनलाइन डीड तैयार करने वाला नियम लागू होगा. उसमें कातिब और स्टाम्प वेंडरों के लिए भी विकल्प दिया गया है.

कातिब और स्टांप वेंडरों के लिए अलग से लॉगिन करने का विकल्प दिया होगा. उसमें वो लॉगिन कर पहले जैसा ग्राहकों का कार्य करते रहेंगे. अंतर इतना होगा कि जो वो हाथ से या टाइप करा डीड तैयार कर जमीन रजिस्ट्री कराते थे वो अब ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करेंगे. जब कातिब या खुद पब्लिक ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कर लेंगे तो उन्हें एक एप्लिकेशन नम्बर मिल जायेगा सिर्फ वो एप्लिकेशन नम्बर ले कर आयंगे और जमीन यहां रजिस्ट्री हो जायेगी.

इस नए सॉफ्टवेयर में जमीन का सर्किल रेट, स्टाम्प ड्यूटी और निबंधन कार्यालय द्वारा लिए जाने वाले शुल्क की जानकारी भी उपलब्ध होगी. जमीन से जुड़े दस्तावेज अपलोड करते ही सॉफ्टवेयर अपने आप मॉडल डीड तैयार कर देगा. इसके अलावा, यह भी पता लगाया जा सकता है कि जमीन की खरीद-बिक्री पर कोई रोक तो नहीं है. यह जानकारी भी ऑनलाइन के होगी.

नए सॉफ्टवेयर के ज़रिए आवेदन करते ही रजिस्ट्री शुल्क की जानकारी मिल जाएगी.इस राशि को बैंक में जमा करने के बाद उसकी रसीद सॉफ्टवेयर पर अपलोड करनी होगी. इसके बाद रजिस्ट्री के लिए तारीख और समय मिलेगा. निर्धारित समय पर खरीदार और विक्रेता को अपना आधार कार्ड और अंगूठे का निशान लेकर निबंधन कार्यालय जाना होगा. वहां सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करते ही रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

राज्य के चार निबंधन कार्यालयों में पेपरलेस रजिस्ट्री के लिए ट्रायल चल रहा है. जिला निबंधन कार्यालय, आरा में 23 जनवरी से यह ट्रायल जारी है. ई-निबंधन से आम लोगों को सहूलियत होगी. लोग वेबसाइट पर लॉगिन कर क्रेता-विक्रेता का नाम और जमीन का विवरण भरेंग. आठ चरणों में आवेदन होगा.इसके बाद रजिस्ट्री के लिए एप्लीकेशन नंबर और अपॉइंटमेंट मिलेगा. अपॉइंटमेंट के दिन कार्यालय पहुंचकर आधार ऑथेंटिकेशन के बाद रजिस्ट्री होगी. इससे जमीन के फर्जीवाड़ा में कमी आएगी. सभी दस्तावेज ऑनलाइन होंगे.

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