अगर कहीं मिल जाता है बम तो उसका क्या करती है फोर्स? उसे कहां रखा जाता है?
<p class="p1" style="text-align: justify;"><a title="लोकसभा चुनाव" href="https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024" data-type="interlinkingkeywords">लोकसभा चुनाव</a> की शुरुआत से ही है बम की अफवाह भी खूब उड़ रही हैं<span class="s1">. </span>हर बार किसी भी जगह बम होने की सूचना दी मिल जाती है<span class="s1">, </span>फिर बाद में वो कॉल फर्जी साबित होता है<span class="s1">. </span>मंगलवार को इंडिगो फ्लाइट में भी बम की ऐसी ही सूचना मिली<span class="s1">, </span>जो जांच के बाद फर्जी निकली<span class="s1">. </span>हालांकि इस बीच सवाल उठते हैं कि यदि असल में बम मिल जाए तो उसका होता क्या है<span class="s1">? </span>उसे डिफ्यूज कैसे किया जाता है और डिफ्यूज करके उसे महफूज रखा कहां जाता है<span class="s1">? </span>चलिए आज इन सारे सवालों के जवाब जान लेते हैं<span class="s1">.</span></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong>बम कैसे ढूंढे जाते हैं<span class="s1">?</span></strong></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;">यदि कहीं से भी बम होने की जानकारी सामने आती है तो सबसे पहले पता लगाया जाता है कि उस जगह पर किसी डिब्बे या कंटेनर में बम है भी या नहीं<span class="s1">. </span>इस प्रक्रिया को एक्सप्लोसिव डिटेक्शन यानी विस्फोटक की जांच कहा जाता है<span class="s1">. </span>इसे करने के कई तरीके होते हैं जिनमें कोलोमेट्रिक टेस्ट किट<span class="s1">, </span>कुत्तों की मदद से<span class="s1">, </span>एक्स<span class="s1">-</span>रे मशीन से<span class="s1">, </span>प्रशिक्षित मधुमक्खियों से और अलग<span class="s1">-</span>अलग डिटेक्शन मशीनों से जांच के तरीके शामिल हैं<span class="s1">. </span>इनकी मदद से बम को डिफ्यूज कर दिया जाता है<span class="s1">.</span></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong>बम डिफ्यूज करने के बाद क्या होता है<span class="s1">?</span></strong></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;">अब सवाल ये उठता है कि जब बम को डिफ्यूज कर दिया जाता है तो उसके बाद उसका क्या होता है<span class="s1">? </span>तो बता दें कि हर पुलिस स्टेशन में मालखाना होता है<span class="s1">. </span>इसी मालखाने में जांच के दौरान पकड़ी गई अलग<span class="s1">-</span>अलग तरह की चीजें रखी जाती हैं<span class="s1">. </span>जिनमें रुपए<span class="s1">-</span>पैसे<span class="s1">, </span>सोना<span class="s1">-</span>चांदी<span class="s1">, </span>हथियार<span class="s1">, </span>बम<span class="s1">-</span>बारूद<span class="s1">, </span>गाड़ियां<span class="s1">, </span>साइकिल<span class="s1">-</span>मोटरसाइकिल जैसी चीजें शामिल होती हैं<span class="s1">. </span>ऐसे में जब तक केस का फैसला नहीं हो जाता<span class="s1">, </span>इस तरह की चीजें केस प्रॉपर्टी होती हैं<span class="s1">. </span>अधिकतम मामलों में बम डिस्पोज़ल स्क्वॉड बम को डिफ्यूज करके रखती है<span class="s1">. हालांकि हर बम के साथ ऐसा नहीं होता, जो बम रखने लायक होता है उसे रखा जाता है, नहीं रखने लायक बमों को डिफ्यूज कर दिया जाता है. जिन बमों को पुलिस अपने पास रखती है उनमें ये बात ध्यान रखी जाती है कि उससे किसी को कोई खतरा न हो. हालांकि ये कार्रवाई अदालत या अदालत के नुमाइंदे के द्वारा की जाती है. बाकी बमों पर भी निर्भर करता है कि उनके साथ अंजाम क्या होना है. </span></p>
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