अपनी ही ससुराल में सड़कों पर बेचे जा रहे हैं जमाई राजा, जानें क्या है पूरा माजरा


रिपोर्ट- कृष्णा कुमार गौड़

जोधपुर: नवरात्रि समापन होने के साथ ही दशहरे की शुरुआत हो जाएगी. इस आगामी त्योहार को देखते हुए सरकारी स्तर पर रावण बनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. रावण के ससुराल में भी रावण का बाजार सजने की नई शुरूआत हो गई है. 1,500 से लेकर 7,000 रुपय तक में रावण बेचे जा रहे हैं.

रावण दहन पर यहां शोक मनाते हैं लोग
राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी सूर्य नगरी जोधपुर की पहचान रावण के ससुराल के रूप में भी है. लेकिन रावण के वंशजों के यहां रहने के कारण जोधपुर के किला रोड पर बकायदा रावण का मंदिर भी है जहां रावण के अलावा मंदोदरी और रावण की कुलदेवी मां खरानना की मूर्ति भी स्थापित है. यही नहीं रावण दहन के दिन रावण के वंशज शोक मनाते हैं. रावण दहन के बाद बकायदा स्नान इत्यादि भी करते हैं.

अन्य स्थानों की तरह जोधपुर में भी सरकारी स्तर पर रावण दहन समारोह का आयोजन नगर निगम द्वारा किया जाता है. हालांकि, अब जोधपुर में अलग-अलग क्षेत्रों में मोहल्ला समितियां रावण दहन करने लगी हैं. इससे रावण की डिमांड बढ़ गई है और गली मोहल्लों में जमाई राजा यानी रावण का बाजार सज गया है.

रंग-बिरंगे रावण के पुतलों का सजा बाजार
दशहरा के लिए एक माह पहले से पुतला बनाने में लग गए थे और करीब 50 से 100 छोटे बड़े पुतले तैयार किए हैं. दशहरे के लिए रावण के पुतलों का बाजार जोधपुर की सड़कों पर सज गया है. यहां रंग-बिरंगे, बड़ी-बड़ी आंखें, दस सिर, किसी का आकर दो फुट तो कोई 20 फुट लंबा तरह-तरह के रावण बिक रहे हैं. जोधपुर शहर में पाल रोड चौराहे से मंडी मोड़ और सारण नगर पुल रोड किनारे रावण के पुतले बिक्री के लिए तैयार हैं. यहां दो फिट से लेकर 20 फीट ऊंचे पुतले हैं. इससे अधिक बड़े आकार का पुतला सिर्फ ऑर्डर पर तैयार किया जा रहा है. सबसे अधिक मांग 10 से 15 फुट के लंकापति के पुतले की की है.

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