अपने पशुओं को इन तीन बीमारियों से बचाने के लिए लगवा लें यह टीका, नहीं तो हो सकती है परेशानी…-If you are also rearing cows and buffaloes then get this vaccine, otherwise these three diseases will trouble you, know the scientist’s advice.


समस्तीपुर : खेती-किसानी के अलावा पशुपालन भी किसानों के लिए आकर्षक आय का स्रोत साबित हुआ है. सरकार लगातार किसानों के बीच गाय और भैंस पालन को बढ़ावा दे रही है और इसके लिए उन्हें पर्याप्त सब्सिडी भी दे रही है. हालांकि, दुधारू पशुओं को अक्सर ऐसी बीमारियां हो जाती हैं, जो अंततः उनकी मृत्यु का कारण बन सकती हैं, जैसे कि ब्लैक क्वार्टर, खुरपका और मुंहपका रोग, और गला घोंटना. कई मामलों में, इन तीन बीमारियों के परिणामस्वरूप पशु मर गए हैं. इन तीनों बीमारियों के शुरू होने से पहले, विशेषकर बरसात के मौसम से पहले पशुओं का टीकाकरण करना काफ़ी जरूरी है. डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के डेयरी फार्म में कार्यरत वैज्ञानिक डॉ. विजय कुमार गोंड बीमारी से बचाव के लिए बरसात से पहले पशुओं को टीका लगाने की सलाह दिया हैं.

जानिए क्या है ब्लैक क्वार्टर बीमारी
ब्लैक क्वार्टर रोग, जिसे लंगड़ा रोग के रूप में भी जाना जाता है, आमतौर पर बरसात के मौसम में फैलता है. लक्षणों में लंगड़ाना, आगे के पैरों में सूजन, दर्द, शरीर का उच्च तापमान और घावों का बनना शामिल है. रोग को रोकने और नियंत्रित करने के लिए, बरसात पूर्ण रूप से गिरने से पहले किसानों को बीमारी रोधी टीका लगवाना जरूरी की सलाह वैज्ञानिक डॉक्टर विजय कुमार गोंड ने दिया.

जानिए (FMD) खुरपा मुंह पका रोग क्या है
गोंड ने कहा कि खुरपका और मुंहपका रोग (एफएमडी) एक अत्यधिक संक्रामक रोग है जो गायों और भैंसों, विशेष रूप से दुधारू पशुओं को प्रभावित करता है. यह रोग झुंडों और समुदायों में तेजी से फैलता है, जिससे पशुधन उत्पादन में उल्लेखनीय कमी आती है और पशु उत्पादों के निर्यात में बाधा उत्पन्न होती है. एफएमडी के लक्षणों में अत्यधिक लार आना, जीभ और पैरों के तलवों पर छाले पड़ना और दर्दनाक घावों के कारण चलने और खाने में कठिनाई शामिल है.

पशुओं में होने वाले गलघोंटू(HS) क्या है
पशुओं में यह जीवाणु रोग अत्यधिक संक्रामक है और तेजी से फैलता है. यदि लक्षण दिखने पर तुरंत उपचार शुरू नहीं किया जाता है, तो पशु 24 घंटे के भीतर मर जाएगा. यह रोग ‘पाश्चुरेला मल्टोसिडा’ नामक जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है जो ऊपरी श्वसन पथ में रहता है. मौसम की स्थिति में बदलाव से पशु खुरपका और मुंहपका रोग (गलघोंटू) के प्रति संवेदनशील हो जाता है. लक्षणों में अचानक तेज बुखार, सुस्ती, भूख और प्यास न लगना, लाल आंखें, सांस लेने में कठिनाई, अत्यधिक लार आना, नाक से स्राव, और गर्दन और छाती में सूजन और दर्द शामिल हैं।

तीनों बीमारी से बचने के लिए इस वैक्सीन का करें इस्तेमाल
वैज्ञानिक ने बताया कि इन तीन बीमारियों के लिए 3-इन-1 नामक टीका हर मार्केट में उपलब्ध रहता है. किसान मार्केट से उक्त टीका को खरीद कर अगर गाय भैंस में लगवा लेते हैं तो मवेशियों के अंदर होने वाले उक्त संक्रमण रोग से उसे बचा जा सकता हैं.

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