अपेंडिक्स कैंसर की फीमेल पेशेंट का मिनिमली इनवेसिव रोबोटिक सर्जरी से हुआ सफल इलाज
मेडिकल क्षेत्र में एक बड़ी सफलता मिली है जिसमें मिनिमली इनवेसिव रोबोटिक सर्जरी से स्यूडोमाइक्सोमा पेरिटोनी (पीएमपी) नाम का इनवेसिव अपेंडिक्स कैंसर से पीड़ित एक महिला का सफल इलाज किया गया. बता दें कि स्यूडोमाइक्सोमा पेरिटोनी (पीएमपी) एक बेहद ही दुर्लभ बीमारी है. यह हर साल 10 लाख में से लगभग 2 लोगों को प्रभावित करती है. ये खास तौर से 50 साल की उम्र वाली महिलाओं में ज्यादा होती है. 51 साल की फीमेल पेशेंट का बाइलैटरल ओवेरियन मास्स का इलाज किया गया. बड़ी सर्जरी में गर्भाशय, अंडाशय, अपेंडिक्स और ओमेंटम का हिस्सा हटाया गया.
इसके बाद हुई जांच में स्यूडोमाइक्सोमा पेरिटोनी (पीएमपी) के साथ हाई कैटेगरी की अपेंडिक्स के म्यूसिनस ट्यूमर का पता चला, जिसके लिए सर्जरी की जरूरत पड़ी. रोगी में जिलेटिनस जमाव पाया गया जो पेल्विस (पेट के निचले हिस्से को पेडू या पेल्विस कहा जाता है) और सेकुम के आसपास एपेंडिकुलर म्यूसिनस ट्यूमर के लिए सर्जरी के बाद पेट में रहता है.
अपेंडिक्स कैंसर के मरीज की पेट की परत (पेरिटोनियम) तक फैलने की अजीब प्रवृत्ति के कारण अपोलो कैंसर सेंटर (एसीसी) के डॉक्टरों ने मिनिमली इनवेसिव रोबोटिक साइटोरिडक्टिव सर्जरी (सीआरएस) का सहारा लिया. सर्जरी ने पेट से बचे हुए ट्यूमर को पूरी तरह से हटा दिया.
एसीसी में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अजीत पई ने कहा, ”पेट की कैविटी में कैंसर कोशिकाओं की संख्या को कम करने के लिए दाहिनी हेमिकोलेक्टॉमी (अपेंडिक्स वाले कोलन को हटाना) और पूर्ण मेसोकोलिक एक्सिशन (कोलन और अपेंडिक्स से उत्पन्न होने वाले कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी) और पेरिटोनेक्टॉमी और टोटल ओमेंटेक्टॉमी के साथ-साथ हाइपरथर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी (कीमो दवा के साथ गर्म कीमोथेरेपी) के साथ पेट के अंदर किसी भी संभावित सूक्ष्म अवशिष्ट ट्यूमर को खत्म करने के लिए सर्जरी की गई थी.”
रोबोटिक सर्जरी दर्द, ब्लड लॉस, घाव और इसके बाद होने वाली परेशानियों को कम करता है. इससे रोगी को रिकवरी तेजी से होती है और वो जल्दी ठीक हो जाता है.
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डॉक्टर ने कहा, “एक साल के फॉलो-अप के बाद वह बिल्कुल स्वस्थ और कैंसर-फ्री है.”
डॉ. अजीत ने कहा, ”रोबोटिक सर्जरी एक ट्रांसफॉर्मेटिव अप्रोच है, जिसके लिए सटीक ट्यूमर रिसेक्शन के लिए पारंपरिक और रोबोटिक तकनीकों में विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है. ऑपरेशन के बाद होने वाली बीमारी को कम करने के साथ क्विक रिकवरी के साथ यह विधि उन रोगियों के लिए एक अच्छा ऑप्शन है, जिनकी कैंसर कोशिकाएं सीमित तरीके से पेरिटोनियल सतहों पर फैल गई हैं.”
उन्होंने आगे कहा, ”हम सक्सेसफुल क्लीनिकल आउटकम्स से काफी एक्साइटेड हैं और इस सर्जरी में पेरिटोनियल सर्फेस के कैंसर से जूझ रहे मरीजों की लाइफ जीवन में सुधार करने की क्षमता है, जिसमें ओवेरियन, कोलोनिक और गैस्ट्रिक कैंसर भी शामिल हैं.