अब राजस्थान में भी दिखेंगे चीते, बनने जा रहा स्पेशल कॉरिडोर, जल्द तैयार होगी कमिटी


हाइलाइट्स

मध्य प्रदेश-राजस्थान के बीच तैयार होगा चीता कॉरिडोर.कई बार कुनो नेशनल पार्क से चीते राजस्थान के अंदर घुस आते हैं.

जयपुर: मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच एक ‘चीता कॉरिडोर’ के विकास के लिए, राज्य वन विभाग ने सरकार को उन अधिकारियों की एक लिस्ट सौंपी है, जो परियोजना का मैनेज करने के लिए एक कोऑर्डिनेशन कमिटी के हिस्सा होंगे. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अंतरराज्यीय चीता संरक्षण प्रयासों की देखरेख के लिए कमिटी बनाई जाएगी.

चीता लैंडस्कैप विकसित करने का प्लान
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान ने परियोजना को लागू करने के लिए स्थानीय प्रभागीय वन अधिकारी (DFO), जिला कलेक्टर, मुख्य वन्यजीव वार्डन (CWLW) और विशेषज्ञों सहित 10 से 12 सदस्यों की एक टीम नियुक्त करने की योजना बनाई है. सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू पवन कुमार उपाध्याय ने कहा, “इंटरस्टेट कोऑर्डिनेशन कमिटी का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया गया है. इसका गठन पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के अधिकारियों के सहयोग से राजस्थान में चीता लैंडस्कैप विकसित करने के लिए किया जाएगा.”

राजस्थान के इन इलाकों में बनेगा कॉरिडोर
नियोजित कॉरिडोर कुनो नेशनल पार्क, मप्र में गांधी सागर वाइल्डलाइफ सैंचुरी (जहां अफ्रीकी चीतों के अगले समूह के आने की उम्मीद है) और राजस्थान में मुकुंदरा, रामगढ़ विषधारी, रणथंभौर, भैंसरोगढ़, चंबल घरियाल और शेरगाह सैंचुरी सहित एक दर्जन संरक्षित क्षेत्रों के बीच तैयार किया जाएगा. एक अधिकारी ने कहा, “राजस्थान की सीमा से लगे कुनो पालपुर में छोड़े गए चीते अक्सर पड़ोसी राज्य में चले जाते हैं. एक खास कॉरिडोर बनाने से यह सुनिश्चित होगा कि उन्हें राजस्थान में भी उसी स्तर की सुरक्षा मिलेगी, जैसी उन्हें कुनो में मिलती है.”

जल्द ही तैयार होगी कमिटी
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि इस पहल के लिए भजन लाल शर्मा सरकार द्वारा बजट घोषणा के बाद, एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ चर्चा की गई और परियोजना के कार्यान्वयन को अंतिम रूप दिया गया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “एमपी ने एक बैठक बुलाई है और इंटर स्टेट कोऑर्डिनेशन कमिटी के लिए अधिकारियों की सूची को अंतिम रूप दे दिया है. राज्य जल्द ही समिति के सदस्यों के संबंध में आदेश जारी करेगा.”

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