अमित शाह ने आप’दा’ को दिल्‍ली से हटाने के लिए बनाया ऐसा प्‍लान, विपक्षी चारों खाने चित, BJP का परचम बुलंद – delhi chnav result amit shah campaign in 18 assembly seats what is bjp report card on those areas latest news


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Delhi Chunav Result: दिल्‍ली विधानसभा चुनाव का परिणाम सामने आ चुका है. बीजेपी 48 सीटों पर जीत हासिल कर स्‍पष्‍ट बहुमत से सरकार बनाने की स्थिति में आ गई है. गृह मंत्री अमित शाह ने जिस तरह से चुनाव की रणनीति तैया…और पढ़ें

अमित शाह ने आप'दा' को दिल्‍ली से हटाने के लिए बनाया ऐसा प्‍लान, विपक्षी चित

गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्‍ली विधानसभा चुनाव के लिए जो रणनीति बनाई थी, वह पूरी तरह से कारगर साबित हुई है.

हाइलाइट्स

  • दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 48 सीटें मिली हैं
  • गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति पूरी तरह से कारगर रही
  • AAP को मिली सिर्फ 22 सीटें, 10 साल बाद सत्‍ता से बाहर

नई दिल्‍ली. साल 2020 का समय था, जब गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए कार्यकर्ताओं को एक मंत्र दिया कि वह इलाके के कुछ लोगों के यहां जाएं और वहां पर भोजन करें. उस वक्त दिल्ली प्रदेश भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष मनोज तिवारी भी गृह मंत्री के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे. हालांकि, उस विधानसभा चुनाव में एक बार फिर आम आदमी पार्टी सत्ता में वापसी करने में कामयाब हो गई. हालांकि, बीजेपी की सीटों में कुछ इजाफा जरूर हुआ था. इस हार के बावजूद बीजेपी के लिए दिल्ली में सबक के बहुत बड़े मायने थे. गृह मंत्री अमित शाह ने बहुत ही बारीकी से दिल्ली की परिस्थितियों का आकलन किया और फिर साल दर साल परिस्थितियों के हिसाब से समय को ध्यान में रखकर रणनीति बनाई. जिस तरीके से कोविड काल के वक्त दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल उठाए गए, उसका गहनता से आकलन किया गया.

गृह मंत्री अमित शाह की ओर से यह भी आकलन किया गया आखिरकार किस तरीके से केजरीवाल और उनकी पार्टी दिल्ली में वोटरों के एक मजबूत धड़े तक पहुंचने में कामयाब रहती हैं. सघन प्रयास के बाद झुग्गी बस्तियों कि वोटरों तक बीजेपी के पहुंचने की रणनीति बनाई गई और इस योजना को अंजाम देना शुरू कर दिया गया. अमित शाह की पहल पर झुग्गी प्रवास कार्यक्रम बीजेपी की ओर से दिल्ली में शुरू किया गया. पार्टी के पदाधिकारी झुग्गी बस्तियों में रात गुजारते और वहां के लोगों से संवाद करते थे. आम आदमी पार्टी को हटाने के लिए यह नारा भी उसी वक्त बनाया गया- आपदा हटाओ. इस नारे का जिक्र पीएम मोदी गृह मंत्री अमित शाह पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत बीजेपी के सभी सीनियर लीडर्स ने दिल्ली में बीजेपी के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान किया. इसके बाद जनवरी के महीने में झुग्गी बस्ती सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें खुद गृह मंत्री अमित शाह ने शिरकत किया और दिल्ली प्रदेश के सारे पदाधिकारी ने अपने-अपने इलाके से झुग्गी बस्तियों के प्रधानों को बुलाकर उनसे संवाद किया. उन्हें समझाया गया कि किस तरीके से बीजेपी की नीतियां झुग्गी में रह रहे लोगों को पक्का घर दिलाने का काम करेंगी.

अमित शाह का फॉर्मूला जिसने किया कमाल, केजरीवाल के इमेज को तोड़ने का प्‍लान और 27 साल का लंबा वनवास खत्‍म

अमित शाह ने जहां किया चुनाव प्रचार, वहां चमत्‍कार
गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्‍ली में करीब डेढ़ दर्जन सीटों पर चुनावी कार्यक्रम किए. इनमें 16 जगहों पर पार्टी को जीत मिली है. गृह मंत्री अमित शाह के प्रचार के बाद जहां पार्टी ने अपनी जीत का परचम फहराया उनमें प्रमुख सीटें हैं- कस्तूरबा नगर, रोहिणी, वजीरपुर, शालीमार बाग, नई दिल्ली, द्वारका, नरेला, त्रिनगर, राजौरी गार्डन, करावल नगर, मुस्तफाबाद, रोहतास नगर, जंगपुरा बिजवासन और नजफगढ़.

इस तरह पिछड़ी AAP
इधर, आम आदमी पार्टी ने बेशक डोर टू डोर कैंपेन अपना जारी रखा और उम्मीदवारों की घोषणा पहले कर दी, लेकिन झुग्गी बस्तियों में उनके कार्यकर्ता लगातार मौजूद रहें और उनसे संवाद करें ऐसी कोई कार्य योजना पार्टी के पास नहीं थी. यहीं से दिल्ली के वोटर्स का यह प्रमुख तबका बीजेपी की ओर चुनाव प्रचार अभियान के दौरान झुकता चला गया. पीएम मोदी ने अपनी हर रैली और गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी हर जनसभा में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान झुग्गी वालों को पक्का घर मोदी सरकार ही दिलाएगी इसका यकीन दिलाया.

पूर्वांचली वोटर्स पर नजर
दूसरा जो सबसे अहम मुद्दा गृह मंत्री अमित शाह की नजर में था वह था पूर्वांचली वोटरों और पूर्वांचल अस्मिता का मुद्दा. पिछले दो सालों से पूर्वांचल मोर्चे को दिल्ली में पूरी तरीके से सक्रिय कर दिया गया. दिल्ली बीजेपी पूर्वांचल मोर्चा को सीधे-सीधे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से जोड़ा गया. उनकी मांग के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव में 50 के आसपास सीटें थीं, जहां पर यूपी और बिहार के एक-एक विधायक पूरे चुनाव प्रचार अवधि के दौरान जमे रहे. नतीजा यह हुआ कि भाजपा के 6 पूर्वांचली उम्मीदवार चुनाव जीतने में इस बार कामयाब रहे. इनमें कपिल मिश्रा( करावल नगर), अभय वर्मा (लक्ष्मी नगर), सतीश उपाध्याय (मालवीय नगर), चंदन चौधरी (संगम विहार), पंकज सिंह (विकासपुरी) और गजेन्द्र यादव ( महरौली) शामिल हैं.

दिल्ली बीजेपी पूर्वांचल मोर्चा ने बनाई थी खास रणनीति

  • छठ पूजा के समय समितियों से संपर्क कर सभी 256 मंडलों में पूजा सामग्री का वितरण.
  • 500 से अधिक छठ पूजा समितियों के साथ छठ घाटों की सफाई औरव्यवस्था में सहयोग.
  • महत्वपूर्ण छठ घाटों पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन.
  • छठ पूजा पर एलजी द्वारा सार्वजनिक अवकाश घोषित करना.
  • पूर्वांचल समाज संवाद की लगभग 10,000 बैठकें.
  • 200 से ज़्यादा लिट्टी चोखा पर संवाद, जिसमें पूर्वांचल के सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई समितियों के पदाधिकारी मौजूद रहे.
  • 70 विधानसभा क्षेत्रों में मकर सक्रांति महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन.
  • ⁠52 विधानसभा में सघन प्रचार अभियान.
  • केजरीवाल ने पूर्वांचलियों को फर्जी वोटर बताया तो उसके खिलाफ विशाल प्रदर्शन.

अमित शाह का दावा
अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार गृह मंत्री अमित शाह ने यह दावा किया था कि कोई सरकारी योजनाएं बंद नहीं होंगी. हर दिन के हिसाब से मुद्दों को तय किया जाता था और दिल्ली में मौजूद नेता छोटी-छोटी जनसभाओं के जरिए जनता तक मुद्दे को पहुंचाने में जुटे रहे. कुल मिलाकर तकरीबन 27 साल बाद भाजपा के वनवास को खत्म करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति ने कम से कम दिल्ली में वोटरों तक पहुंचने में बहुत मदद की. अब आने वाले दिनों में पार्टी के नेताओं और दिल्ली की नई सरकार के सामने यह चुनौती होगी कि जो वादा किया गया है, उसको कैसे पूरा किया जाए.

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