आचार्य किशोर कुणाल को मिलेगा 11वां भारत गौरव अवार्ड, इस दिन पेरिस स्थित फ्रांस के सीनेट में दिया जाएगा पुरस्कार


पटना. महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल को भारत गौरव अवार्ड से नवाजा जाएगा. संस्कृति युवा संस्था द्वारा 5 जून को राजधानी पेरिस स्थित फ्रांस के सीनेट में आचार्य किशोर कुणाल को यह पुरस्कार दिया जाएगा. इनको यह पुरस्कार देने वाला यह संस्था संस्कृति युवा संस्था भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने वाला अन्तर्राष्ट्रीय फोरम है जो 28 वर्षों पूर्व गठित हुआ था. आचार्य किशोर कुणाल को संस्था द्वारा 11वां भारत गौरव पुरस्कार दिया जाएगा. संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने महावीर मंदिर को ई-मेल कर इसकी अधिकारिक जानकारी दी है.

इस दिन मिलेगा सम्मान
पेरिस में इसी साल 5 जून को आयोजित होने वाले भारत गौरव पुरस्कार समारोह में भारत की कई जानी-मानी हस्तियों को आमंत्रित किया जाएगा. महावीर मंदिर को संस्कृति युवा संस्थान द्वारा भेजे गए ई-मेल में कहा गया है कि संस्था की अवार्ड स्क्रीनिंग कमिटी ने आचार्य किशोर कुणाल को प्रतिष्ठित व्यक्तित्व और देश के गौरव के प्रतीक के रूप में 11वां भारत गौरव अवार्ड के लिए चुना है.

आपको बता दें कि 2012 में भारत गौरव अवार्ड की शुरुआत की गई थी. 9 जून 2012 को पहला भारत गौरव अवार्ड समारोह अमेरिका के न्यू जर्सी में आयोजित हुआ था. इसके बाद अब तक ब्रिटिश संसद, अमेरिका स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय, दुबई, पेरिस स्थित फ्रांस के सीनेट आदि स्थानों पर यह पुरस्कार समारोह आयोजित किए जा चुके हैं.

ब्रिटिश संसद में आयोजित हुआ था पिछला भारत गौरव अवार्ड
पिछला भारत गौरव अवार्ड समारोह 12 मई 2023 को ब्रिटिश संसद में आयोजित हुआ था. पूर्व के वर्षों में 23 जुलाई 2022 को पेरिस स्थित फ्रांस के सीनेट में, 23 दिसंबर 2021 को दुबई, 19 जुलाई 2019 और 13 अप्रैल 2018, 2 जुलाई 2016, 25 जुलाई 2015 और 23 जुलाई 2014 को ब्रिटिश संसद में यह पुरस्कार समारोह आयोजित किया जा चुका है. जबकि 9 जून 2017 को अमेरिका स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में भारत गौरव अवार्ड समारोह आयोजित किया गया था.

कौन है आचार्य किशोर कुणाल
आचार्य किशोर कुणाल उस सोच का नाम है जो बेसहारा, मजबूर लोगों के लिए भगवान से कम नहीं है. इन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में एक कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार अधिकारी के रूप में पहले अपनी पहचान बनाई. पुलिस पदाधिकारी के रूप में समाज सेवा और अपराध-नियंत्रण का दायित्व निभाने के क्रम में, इन्हें महसूस हुआ कि राष्ट्र और समाज उनसे और भी अधिक की अपेक्षा रखता है.

इन्होंने आईपीएस से त्याग-पत्र देकर समाज-सेवा और धर्म के कामों में लग गए. आज महावीर मंदिर जितना भी समाज सेवा का काम करता है उन योजनाओं के पीछे किशोर कुणाल का ही सोच और मेहनत है. केसरिया के नजदीक ‘विराट रामायण मंदिर’ के निर्माण में लगे हुए हैं.

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