आम की हैं 110 से भी ज्यादा प्रजाति…देखते ही हैरान रह जाते हैं लोग, स्वाद भी लाजवाब  


बाराबंकी/संजय यादव: आम को फलों का राजा कहा जाता है. भरपूर मात्रा में खनिज और लवण की मात्रा इस फल में पाई जाती है. तभी तो गर्मी के आते ही इससे जुड़ी कई दिलचस्प जानकारी सामने आने लगती हैं. आम के शौकीन लोगों के लिए जनपद बाराबंकी में स्व: राजीव चौधरी पर्यावरण संरक्षण समिति द्वारा मुगल दरबार सभागार में आम प्रदर्शनी एवं आम महोत्सव का भी आयोजन किया गया है. आमों की इस प्रदर्शनी में जनपद बाराबंकी में उत्पादित आम्रपाली, अंबिका, याकूती, दशहरी, लंगड़ा, चौसा, सफेदा, गौरजीत, परमा सुर्खा, गुलाब खास, हुस्नआरा, मल्लिका सहित करीब 110 से अधिक देसी प्रजाति के आमों के आलावा प्रदेश के अलग-अलग जिलों एवं राज्यों के किसानों द्वारा प्रदर्शित किया गया.

आम की 110 से अधिक प्रजातियां  
वहीं, आम महोत्सव कार्यक्रम कराने के पीछे का मकसद किसानों को आम की फसल का अच्छा दाम देना है. इस प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में किसान अनेक वैरायटी के आम लेकर आए थे. प्रदर्शनी में लगे स्टॉल पर आम से बनाए गए विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को भी प्रदर्शित किया गया है. इसको देखने और खरीदने शहरवासियों की भीड़ स्टॉल पर उमड़ पड़ी है. आमों की नई-नई प्रजाती को देख कर लोग काफी उत्साहित भी दिखाई दिए. इस मौके पर सैकड़ो आम के किसान मौजूद रहे.

कई प्रजाति हो रही हैं खत्म
बाराबंकी जिले में आम की बागवानी करने वाले किसानों ने बताया कि बाराबंकी जिला में भी आमों की अच्छी पैदावार होती है. यहां कई प्रजाती के आम जैसे आम्रपाली याकूति गुलाब ख़ास, रसभरी लंगड़ा,चौसा, दशहरी की पैदावार होती है. सबसे ज्यादा बड़ागांव मसौली भयारा में आमों की खेती की जाती है. कुछ पुराने पेड़ अब खत्म हो रहे हैं, जिससे कई आम की प्रजातियां भी कम होती जा रही हैं.

भारी संख्या में पहुंचे लोग
आम प्रदर्शनी में 110 प्रजाति के आमों का स्टॉल लगाए गए, जिसको देखने के लिए भारी संख्या में लोग एकत्रित हैं. मों की नई-ई प्रजाती को देख कर लोग काफी उत्साहित भी दिख रहा है. कुछ आम तो ऐसे भी यहां मौजूद हैं, जो लोगों ने पहले कभी नहीं खाए.

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