आसमान से गिरते मौत को अपने अंदर समाकर बालाजी ने बचाया पूरा गांव! जयपुर के आकाशी मंदिर की चमत्कारी कहानी


जयपुर:- राजधानी जयपुर से 50 किलोमीटर दूर जयपुर ग्रामीण के बागावास गांव में 200 साल पुराना भगवान हनुमान का एक अनोखा मंदिर मौजूद है. इस मंदिर को लेकर क्षेत्र में एक अनोखी मान्यता है कि वीर हनुमान के इस मंदिर में अगर कोई वैशाख के महीने में मन्नत मांगता है, तो उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. इसी मान्यता को लेकर वैशाख के महीने में इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रहती है.

मंदिर पुजारी ने लोकल 18 को बताया कि बागावास में स्थित बालाजी मंदिर में 200 साल पुरानी भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित है. यह मूर्ति आज भी वैसे ही है, जैसे 200 साल पहले थी. मूर्ति का स्वरूप बिल्कुल भी नहीं बदला है. भक्त लालाराम बताते हैं कि एक बार इस मंदिर पर आकाशीय बिजली गिरी थी, इसके बाद भी बालाजी की मूर्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ. आकाश से गिरी बिजली को बालाजी महाराज ने अपने अंदर समा लिया, जिससे क्षेत्र में कोई नुकसान नहीं हुआ.

मंदिर की खास विशेषताएं
गांव वालों को आकाशीय बिजली से बचाने के कारण इस मंदिर को आकाशी बालाजी के नाम से जाना जाता है. इस अनोखे मंदिर को लेकर लोगों की धारणा बनी हुई है कि वैशाख माह की पूर्णिमा में जो भक्त मंदिर आकर मन्नत मांगता है, वह जरूर पूरी होती है. मंदिर में विशाल बरामदा सहित गर्भगृह में बहुत सुंदर बालाजी की मूर्ति है. मुख्य पुजारी द्वारा सुबह 6:30 बजे आरती के साथ ही भक्तों का आना शुरू हो जाता है.

शिव परिवार भी है मौजूद
आपको बता दें कि आकाशी बालाजी मंदिर परिसर में ही भगवान शिव परिवार के साथ स्थापित हैं. भक्त बिरदा राम ठकराल शिव परिवार की पूजा आराधना करते आ रहे हैं. भगवान शिव परिवार की पूजा के बाद आकाशी बालाजी से मन्नत मांगने पर भक्तों की मन्नत पूरी होती है. ऐसा कहा जाता है कि बालाजी महाराज के दर्शन करने के बाद शिव परिवार के दर्शन करने पर ही इस मंदिर में आने की सार्थकता है.

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अनोखे चमत्कार की कहानी
30 वर्षीय किसान लालाराम ने Local 18 को बताया कि वह कई साल से किसानी का काम करते आ रहा हैं. एक बार वह अचानक एक गंभीर बीमारी से पीड़ित हो गए. अधिक बीमार होने पर उन्हें जयपुर हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने ऑपरेशन बताया. लेकिन इसकी फीस अधिक होने के कारण ऑपरेशन नहीं कराया, तब डॉक्टर ने कहा कि अगर यह ऑपरेशन नहीं करवाया, तो तुम जिंदा नहीं बचोगे. इसके बाद मैंने आकाशी बालाजी मंदिर आकर अरदास लगाई और फिर मैं धीरे-धीरे ठीक होने लगा. आज मैं बिना ऑपरेशन के बिल्कुल ठीक हो चुका हूं. अब वे उम्रभर आकाशी मंदिर की सेवा करेंगे.

आपको बता दें कि आकाशी बालाजी मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है. इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन के लिए भीलवाड़ा, अजमेर, जयपुर, नागौर जिले सही अन्य राज से भी भक्त आते हैं और मन्नत मांगते हैं. इसके अलावा यहां पर वैशाख माह की पूर्णिमा पर भक्त सबसे ज्यादा आते हैं.

Tags: Jaipur news, Local18, Rajasthan news

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