इलेक्ट्रिक कार का प्लान टाल दीजिए, 2-3 साल में 10 लाख की होगी Nexon EV, 10 मिनट में बैटरी भी चार्ज!
देश की सभी प्रमुख कार निर्माता कंपनियां इलेक्ट्रिक सेग्मेंट में या तो उतर चुकी हैं या फिर वे उतरने की तैयारी में हैं. देसी कंपनी टाटा मोटर्स इस वक्त देश में इलेक्ट्रिक कारों के बाजार में सबसे आगे है. उसने अपनी सभी प्रमुख कारों का इलेक्ट्रिक वर्जन उतार दिया है. उसकी बिक्री भी ठीक-ठाक होने लगी है. बावजूद इसके अभी भी देश में इलेक्ट्रिक कारें जनता की गाड़ियां नहीं बन पाई हैं. इसका मुख्य वजह इन गाड़ियों की कीमत पेट्रोल वर्जन की तुलना में काफी अधिक है. साथ ही इनका रेंज काफी कम हैं. तीसरी वजह जो सबसे बड़ी है, वह यह कि अभी भी देश में बैटरियों को चार्ज करने के लिए उचित चार्जिंग स्टेशन का अभाव है. फिर चौथी वजह इन इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करने में लगने वाला समय है.
दरअसल, एक आम भारतीय व्यक्ति जब भी कोई कार खरीदता है तो वह उसकी दीर्घकालीक जरूरतों को पूरा करने की योजना का हिस्सा होती है. वह केवल अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए कार नहीं खरीदता. बल्कि भारत में ये गाड़ियां फैमिली कार ही कहलाती है. यानी गाड़ी उस व्यक्ति के लिए परिवार की हर जरूरत को पूरा करने का एक जरिया बन जाती है. ऐसे में उसकी कोशिश रहती है कि वह एक ऐसी गाड़ी खरीदे जिससे वह परिवार के साथ 500-1000 किमी की यात्रा कर सके. वह किफायती हो. उसको बीच रास्ते में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े. इन जरूरत पर फिलहाल के लिए इलेक्ट्रिक कारें खरी नहीं उतरतीं. इसी वजह से अब भी इलेक्ट्रिक कारें जनता की कारें नहीं बन पाई हैं.
बदल रही है दुनिया
लेकिन, हम आपको आज निराश नहीं करने जा रहे हैं. हम आपको बता रहे हैं कि इलेक्ट्रिक कार की दुनिया बेहद तेजी से बदल रही है. अगले दो-तीन सालों में काफी कुछ बदलता हुआ दिख रहा है. इसकी पूरी संभावना है कि इन दो-तीन सालों के भीतर इलेक्ट्रिक कारों की कीमत काफी कम हो जाए और आपकी कार की बैटरी चार्ज करने में लगने वाला समय भी काफी घट जाए. दरअसल, समाचार एजेंसी रायटर्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूरोप और अमेरिका समेत पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक कार बाजार में तेजी से बदलाव हो रहा है. इस रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल यानी 2024 तक यूरोप और 2026 तक अमेरिका में इलेक्ट्रिक कारों के दाम पेट्रोल-डीजल वर्जन के बराबर आ जाने की उम्मीद है. इस रिपोर्ट में रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट के हवाले से दावा किया गया है कि 2030 आते-आते दुनिया में बिकने वाली तीन में से दो कारें इलेक्ट्रिक होंगी. ऐसा इलेक्ट्रिक कारों में इस्तेमाल होने वाली लिथियम ऑयन बैटरी की कीमत में तेजी से गिरावट के कारण संभव होने वाला है. अगर अनुमान के मुताबिक सब कुछ ठीक रहता है तो इसका असर भारत पर भी पड़ेगा. भारतीय इलेक्ट्रिक कारें भी सस्ती हो सकती हैं. यानी नेक्सॉन जैसी कारें जो अभी 15 लाख की है उनकी कीमत 10 लाख के आसपास हो सकती है.
सस्ती हो रही बैटरियां
बीते साल जहां इन बैटरियों की कीमत 151 डॉलर प्रति kWh थी वह इस दशक के अंत 60 से 90 डॉलर के बीच आ जाएगी. इस माह यूरोप में इन बैटरियों की कीमत 100 डॉलर प्रति kWh से नीचे आ गई है. दूसरी तरह इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इलेक्ट्रिक कारों की कीमत पेट्रोल गाड़ियों के बराबर लाने के लिए इस लिथियम ऑयन बैटरी की कीमत 100 डॉलर प्रति kWh होनी चाहिए. यानी आप कह सकते हैं कि इस वक्त यूरोप में इलेक्ट्रिक कारों की कीमत उनके पेट्रोल वर्जन के करीब आने लगी है. इसी कारण मौजूदा वर्ष के पहले आठ महीने में यूरोप में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में भारी उछाल आया है. बीते माह यूरोप में बिकने वाली कुल कारों में से 21 फीसदी गाड़ियां इलेक्ट्रिक थीं. यानी हर पांचवीं गाड़ी इलेक्ट्रिक कार रही.
10 मिनट में चार्ज होगी बैटरी!
प्रतिष्ठित ब्रिटिश अखबार द इंडिपेडेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की सबसे बड़ी बैटरी निर्माता कंपनी ने एक नया चार्जर बनाया है. इस चार्जर की सहायता से कारों को 10 मिनट भीतर 60 फीसदी से अधिक चार्ज किया जा सकता है. यानी अगर कोई गाड़ी 700 किमी की रेंज वाली है तो उसे 10 मिनट में इतना चार्ज किया जा सकता है कि वह आगे 400 किमी तक दौड़ सके. इस चार्जर की बदौलत गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल भरवाने में लगने वाले समय के करीब-करीब टाइम में बैटरियों को चार्ज किया जा सकेगा. यह बैटरी निर्माता कंपनी चीन की है. इसका नाम है कंटेम्पोरेरी एंपेरेक्स टेक्नलॉजी लिमिटेड (CATL). CATL का कहना है कि उसकी नई लिथियम ऑयन बैटरी अब ग्राहकों की सभी परेशानियां दूर करने वाली है. कंपनी का कहना है कि इलेक्ट्रिक कार बैटरियों की क्षमता बढ़ाने और उसे बेहद कम समय में चार्ज करने का लक्ष्य ब्रांड-न्यू सुपर कंडक्टिंग इलेक्ट्रोलाइट फॉर्मूला के जरिए हासिल कर लिया गया है. अब भविष्य की आने वाली बैटरियों में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इसी साल से कंपनी इस तकनीक पर आधारित बैटरियों का बड़े पैमाने पर निर्माण करने जा रही है. हालांकि अभी स्पष्ट नहीं है कि इन बैटरियों का इस्तेमाल सबसे पहले किन कंपनियों की गाड़ियों में किया जाएगा. लेकिन, CATL से बीएमडब्ल्यू, डैमलर एजी, होंडा, टेस्ला, टोयोटा, वॉल्क्सवैगन और वॉल्वो जैसी कंपनियां बैटरियां खरीदती हैं.
भारत में कब सस्ती होंगी कारें?
मौजूदा वक्त में भारत वैश्विक बाजार से बहुत मजबूती से जुड़ा हुआ है. इस वक्त देश में दुनिया की करीब-करीब सभी दिग्गज कार कंपनियां अपना कारोबार कर रही हैं. इसके साथ ही टाटा और महिंद्रा जैसी देसी कंपनियां भी काफी आक्रामक तरीके से नए-नए प्रोडक्ट लॉन्च कर रही हैं. भारत सरकार भी देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को प्रोत्साहित कर रही है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की भविष्यवाणी सही साबित होने वाली है. अगले कुछ सालों के भीतर वैश्विक स्तर पर हो रहे बदवाओं का असर भारत में भी देखने को मिलेगा और यहां भी इलेक्ट्रिक कारों की कीमत में भारी कटौती आएगी.
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Tags: Electric Car
FIRST PUBLISHED : September 25, 2023, 16:31 IST