इस जैन संत की कठिन तपस्या, 52 सालों से नहीं ली शयन मुद्रा, लिया है ये प्रण



1948 में जोधपुर में जन्मे शीतल मुनि ने 1970 यानी 22 वर्ष की उम्र में गुरु हस्तीमन से जैन दीक्षा स्वीकार की थी. दीक्षा के 2 साल बाद अपने गुरु आचार्य जयमल के जीवनी पढ़ते हुए उन्हें कठोर तपस्या की प्रेरणा मिली.



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