इस तकनीक से करें गन्ने की खेती… 1 बार लगाएं बीज, 3 बार ले सकेंगे फसल! सदियों पुरानी विधि आज भी कारगर



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शाहजहांपुर : गन्ने की फसल से किसानों को अच्छा उत्पादन और मुनाफा मिलता है. लेकिन गन्ने का बीज महंगा होने की वजह से किसानों का अधिक लागत लगानी पड़ती है. हालांकि अगर किसान वैज्ञानिक विधि से गन्ने की खेती करें तो 1 बार बीज लगाकर 3 बार गन्ने की फसल को उगाया जा सकता है. इन दिनों गन्ने की कटाई हो रही है. ऐसे में किसानों को गन्ने की कटाई के साथ-साथ पेड़ी प्रबंधन के लिए भी उचित कदम उठाने चाहिए ताकि पेड़ी की फसल से भी अच्छा उत्पादन लिया जा सके.

गौरतलब है कि एक बार बोए गए गन्ने की फसल को काट लेने के बाद उससे दूसरी फसल लेने को पेडी या रैटून फसल कहते हैं. किसान गन्ने की पेडी फसल उन्नत तकनीक से उगाकर 400 से 600 क्विंटल पैदावार प्रति एकड़ ले सकते हैं. गन्ने की पेडी फसल के लिए खेत को तैयार नहीं करना पड़ता साथ ही, बीज की बचत और कम निराई-गुड़ाई की आवश्यकता के कारण 15-20 हजार प्रति एकड़ की कम लागत आती है. उचित देखभाल से भी बीज फसल के मुकाबले पेडी फसल से डेढ़ गुना तक पैदावार ली जा सकती है.

गन्ने की कटाई के बाद करें ये काम
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. श्री प्रकाश यादव ने बताया कि गन्ने की कटाई के बाद किसानों को पेड़ी प्रबंधन के लिए काम करना चाहिए. क्योंकि जरा सी देरी करने से पेड़ी की फसल को नुकसान हो सकता है. बेहतर देखभाल से किसानों को गन्ने की फसल से दो से तीन साल तक उपज मिलती है. ऐसे में गन्ने की कटाई के बाद सबसे पहले खेत में पानी चला दें. पानी चलाने के बाद 75 किलो यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से गन्ने के ठूंठों के ऊपर छिड़काव कर दें. यूरिया छिड़काव करने के बाद हल्की गुड़ाई कर दें या फिर छोटे रोटावेटर से ठूंठों के बीच की जगह को जोत दें.

गन्ने के पत्तों से ऐसे बनाएं खाद
गन्ने की कटाई के बाद बची हुई गन्ने की पत्तियों को खेत में ही निस्तारित करें. जिससे मृदा स्वास्थ्य सुधरेगा. मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन की मात्रा बढ़ेगी. जिससे किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा. गन्ने की पत्तियों को लाइनों में सेट करने के बाद पानी चला दें. पानी इतना चलाएं की पत्तियां डूब जाए. उसके बाद 4 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से ऑर्गेनो डी-कंपोजर 2 क्विंटल गोबर की सड़ी खाद में मिलाकर गन्ने की पत्तियों के ऊपर डाल दें. 30 से 35 दिन के बाद गन्ने की पत्तियां सड़ कर खाद में तब्दील हो जाएगी. ऐसा करने से गन्ने में फुटाव अच्छा होगा. निकलने वाले कल्ले मजबूत होंगे और खेत में खरपतवार भी कम उगेंगे.

गैप फिलिंग करते समय रखें इन बातों का ध्यान  
पत्तियों को निस्तारित करने के बाद गैप फिलिंग करना भी जरूरी है. अगर एक ठूंठ से दूसरे ठूंठ के बीच एक फिट से ज्यादा दूरी हो तो गैप फिलिंग जरूर करें. डॉ श्री प्रकाश यादव ने बताया कि किसान सीधे दो आंखें या तीन आंख का टुकड़ा ना लगाएं बल्कि पॉलीबैग या फिर सिंगल बड़ से तैयार की हुई नर्सरी का पौधा ही लगाएं. ध्यान रखें कि यह पौधा आप गैप फिलिंग के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं वह 20 से 25 दिन पुराना हो.

चीनी मिल की भी बल्ले- बल्ले 
गन्ने की कई ऐसी नई किस्म आ गई है जो चीनी मिलों को बंपर चीनी परता देती हैं. जिनको खरीदना चीनी मिल भी पसंद करती हैं लेकिन अगर किसान गन्ने की किसी भी किस्म से पेड़ी की फसल लेते हैं या फिर तीसरे साल गन्ने की फसल लेते हैं तो चीनी मिलों को भी उससे ज्यादा चीनी परता मिलता है. साथ ही पेड़ी से तैयार गन्ने की फसल की कटाई पेराई सत्र की शुरुआत में ही की जा सकती है.

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