इस नवरात्रि ट्राई करें सोहराई प्रिंटेड साड़ी, भीड़ में देगी यूनिक लुक, हजारीबाग में यहां उपलब्ध



3579205 HYP 0 FEATURE20231009 212851 इस नवरात्रि ट्राई करें सोहराई प्रिंटेड साड़ी, भीड़ में देगी यूनिक लुक, हजारीबाग में यहां उपलब्ध

रूपांशु चौधरी/ हजारीबाग.नवरात्रि आने में अब बस कुछ दिन बचे हैं. इसे लेकर मार्केट से लेकर शॉपिंग कांप्लेक्स तक सज चुके हैं. एक से बढ़कर एक डिजाइनर कपड़े बाजारों में उपलब्ध है. अगर इस नवरात्रि आप कुछ अलग दिखाना चाहती हैं और ट्रेडिशनल लुक के साथ कुछ नया ट्राई करने की सोच रही हैं तो झारखंड की लोककला सोहराय आर्टप्रिंटेड साड़ियां अच्छा विकल्प हो सकती है. ये साड़ियां आपको भीड़ से अलग लुक देगी.

इन साड़ियों की डिजाइनर अलका इमाम बताती है कि हजारीबाग के संस्कृत आर्ट म्यूजियम गैलरी में ये सोहराईप्रिंट साड़ियां कई तरह के फैब्रिक पर बनायी जाती है. इसमें खादी, सिल्क, भागलपुरी सिल्क, चिफॉन फैब्रिक यादि शामिल हैं. एक साड़ी को बनाने में लगभग 15 दिन का समय लगता है. साड़ियों में पेंटिंग करने में चार रंग का उपयोग होता है. इनमें लाल, पीला, काला और सफेद रंग शामिल है. साड़ी की औसतन कीमत 10 हज़ार रुपये है.

क्या है सोहराई आर्टप्रिंटेड साड़ी
सोहराई कला भारत की प्राचीनतम कला में से एक है. इसके 5 हज़ार साल से अधिक पुराने पेंटिग हजारीबाग के इस्को गुफा में अभी भी मौजुद है. यह आदिवासी लोगों पारंपरिक कला है. जिसे वो अपने खुशी के मौके जैसे विवाह, बच्चे का जन्म, फसल की कटाई यदि पर घर के दीवालोमें बनाया करते है. साल 2021 में इसे जीआई टैग भी मिल चुका है. यह पेंटिग मुख्यता: झारखंड के हजारीबाग, चतरा और रामगढ़ जिले के क्षेत्रों में बनाया जाता है.

यहां से करे खरीदारी
इन सोहराई प्रिंटेड साड़ियों की खरीदारी करने के लिए आपको हजारीबाग के संस्कृति आर्ट म्यूजियम में आना होगा या फिर इसे ऑनलाइन अभी ऑर्डर कर सकते है. ऑनलाइन ऑर्डर करने के लिए आप संस्कृति आर्ट म्यूजियम के इंस्टाग्राम हैंडल sohrai_souvenir_shop पर संपर्क कर खरीद सकते है.

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