इस फिल्म के फ्लॉप होते ही गोविंदा ने एक्टिंग छोड़ शुरू कर दी थी पॉलिटिक्स, डूब गए थे मेकर्स के करोड़ों रुपये
गोविंद अब भले फिल्मों से दूर हों, लेकिन उनकी गिनती आज भी एक टॉप एक्टर के तौर पर होती हैं. गोविंदा ने कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं. इतना ही नहीं एक समय ऐसा था जब डायरेक्टर से लेकर प्रोड्यूसर तक हर कोई उनके साथ काम करना चाहता था. लेकिन गोविंदा की एक फिल्म ऐसी भी थी जिसके चक्कर में मेकर्स के करोड़ों रुपये पानी हो गए थे. यह फिल्म 21 साल पहले आई थी और यह फिल्म इतनी बुरी तरह से फ्लॉप हुई कि गोविंदा ने फिल्में छोड़ राजनीति में जाने का फैसला कर लिया था.
इस फिल्म का नाम राजा भैया है. राजा भैया साल 2003 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में गोविंदा के साथ आरती छाबड़ा, राकेश बेदी और सदाशिव अमरापुरकर जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में थे. फिल्म राजा भैया का निर्देशन रमन कुमार ने किया था. रिलीज से पहले उन्होंने गोविंदा की इस फिल्म का जोर-शोर से प्रमोशन किया था. लेकिन जब राजा भैया सिनेमाघरों में रिलीज हुई तो इसका बॉक्स ऑफिस पर काफी बुरा हाल हुआ है. यह बॉलीवुड की डिजास्टर फिल्मों में से एक बन गई.
राजा भैया का बजट 4.75 करोड़ रुपये था और यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ 2.85 करोड़ रुपये ही कमा पाई. राजनीति में आने और 3 साल का ब्रेक लेने से पहले यह गोविंदा की आखिरी फिल्म थी. हालांकि उनकी आगे भी रिलीज हुईं फिल्में खुल्लम खुल्ला प्यार करें, सुख और सैंडविच फिल्मों छोड़ने से पहले बनकर तैयार हो गई थीं. जो बाद में रिलीज हुई थीं. राजा भैया की वजह से मेकर्स को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था. इसके बाद गोविंदा ने लंबे समय तक फिल्मों से दूरी बनाकर रखी थी.
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