इस बेजुबान पक्षी ने जिंदगी देने वाले को बनाया ‘भगवान’ और ‘दोस्त,’ अनोखी है गोंडा के कल्लू औऱ सारस की दोस्ती


गोंडा: उत्तर प्रदेश गोंडा जिले के विकासखंड बभनजोत के ग्राम पंचायत मन्नीजोत के मजरा डिवलीडीह में अमेठी के आरिफ और सारस की दोस्ती जैसा मामला सामने आया है. यहां भी एक सारस पक्षी लोगों के उत्सुकता का केंद्र बना है. यह पक्षी गांव के लोगों के बीच ही रहता है उन्हीं के साथ खाना खाता है और गांव में ही सोता भी है. सारस की ग्रामीणों से दोस्ती ऐसी है कि वह उनके बुलाने पर आवाज भी लगाता है. गांव वालों के डिमांड पर डांस भी करता है. हालांकि, दुर्घटना में अपना एक पंख खोने के बाद अब वह उड़ नहीं सकता. यह सारस पक्षी करीब दो साल से गांव वालों के साथ ही रह रहा है.

कैसे हुई कल्लू और सारस की दोस्ती
लोकल 18 से बातचीत के दौरान कल्लू बताते हैं कि करीब 2 साल पहले उनके घर के बगल एक छोटा सा तालाब है उसी में इस सारस पक्षी को कुछ कुत्ते नोच रहे थे. उन्होंने इस घटना को देखा और सारस पक्षी को बचाया. उसके बाद 4 महीने लगातार इसका इलाज किया. उसके बाद सारस ठीक हो गया. ठीक होने के बाद कल्लू सारस को उसी तालाब पर कई बार छोड़कर कर चला आया लेकिन बेजुबान सारस ने जिन्दगी देने वाले कल्लू को भगवान और दोस्त दोनों बना लिया और लौटकर कल्लू के पास आ ही जाता है.

गांव में क्यों रहता है सारस
घर लाने के बाद पता चला की सारस पक्षी का एक तरफ का पंख पूरी तरीके से काम नहीं कर रहा है. काफी इलाज करने के बाद भी वह अब उड़ नहीं सकता. इसी वजह से वह गांव में ही रहता है और गांव के सब लोग इसको खाने के लिए रोटी दाल देते हैं. छोटे-छोटे बच्चे इसके साथ खेलते हैं और जो खाते हैं उसको भी खिलाते हैं.

कैसे करते हैं सारस की देखभाल
उन्होंने बताया कि वह अपने बच्चों की तरह सारस की देखभाल करते हैं. उसके प्रति परिवार के लोगों का प्रेम भी काफी बढ़ गया है. उन्होंने बताया कि घर के सभी सदस्य इसको अपना सदस्य मानते हैं.

FIRST PUBLISHED : November 9, 2024, 23:54 IST



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