इस महिला वकील ने एक कुत्ते के लिए लड़ी 4 साल की कानूनी लड़ाई, दिलाया इंसाफ, पहला है ऐसा मामला


गौहर/दिल्ली: जानवर मार खाकर भी वफ़ादार है और इंसान प्यार पाकर भी गद्दार है! यह कहावत आज हमारी इस खबर के साथ हूबहू मेल खाती है.  बता दें कि दिल्ली की रहने वाली एडवोकेट रिदम शील श्रीवास्तव ने 4 साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद कोको नाम के एक कुत्ते को अदालत से इंसाफ दिलाया है. लोकल 18 से बात करते हुए रिदम ने बताया कि फरवरी 2020 में पहाड़गंज की रहने वाली एक महिला ने एक मामला दर्ज कराया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उन्होंने एक आदमी को अपने कुत्ते की आंख, चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों पर एसिड फेंकते हुए देखा है. यह एसिड फेंकने वाला आदमी एक 70 साल का स्ट्रीट फूड की गाड़ी लगाने वाला था. जिसने पहले कई बार  उस कुत्ते को मार कर भगाने की कई अन्य कोशिश भी की थी.

पहला मामला जहां पशु क्रूरता करने पर यह सजा मिली

रिदम ने बताया कि उन्होंने यह केस करीबन 4 साल बिना किसी पैसे लिए लड़ा और उन्होंने यह भी तय किया था कि इस केस में किसी भी तरह की कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाए. जिसके बाद उन्होंने अदालत से दोषी को 1 साल की जेल और 10,500 रुपये जुर्माने की सज़ा दिलवाई. इन्होंने यह भी बताया कि यह अपनी तरह का एक मात्र पहला मामला है, जहां किसी को पशु क्रूरता मामले में यह सजा मिली है. इस केस में अदालत ने उस व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 429 (मवेशियों आदि को मारकर या अपंग करना) और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11 (1) (जानवरों के साथ क्रूरता से व्यवहार करना) 1960 के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया.

कोको है अब एकदम ठीक लेकिन…

रिदम ने बताया कि वह अभी भी कई बार कोको से मिलने जाती हैं और अब वह पहले के मुकाबले काफी ज़्यादा स्वस्थ हो चुका है. लेकिन इनका यह भी कहना था कि अब वह किसी भी इंसान के पास आसानी से आता नहीं है और वह इंसानों पर से भरोसा खो चुका है. इन्होंने यह भी कहा कि अगर वह यदि किसी के पास आता भी है, तो उससे पहले वह उस इंसान को अच्छे से सूंघकर उसकी पहचान करता है और फिर  वह किसी के पास अब आसानी से जाता है.

FIRST PUBLISHED : November 21, 2024, 08:46 IST



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