इस सांप को पसंद हैं सोते हुए लोग, सर्दियों में रात में करता है बाइट, डंसने पर नहीं होता है दर्द का एहसास



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पश्चिम चम्पारण. भारत के चार सबसे विषैले सांपों की सूची में कॉमन करैत का नाम भी शामिल है. मौत का पर्यायवाची माने जाने वाले इस सांप में न्यूरोटॉक्सिन विष पाया जाता है, जो खून में मिलते ही पीड़ित के तंत्रिका तंत्र को बुरी तरह से डैमेज करना शुरू कर देता है. जानकारों की मानें तो, जितना यह सांप अपने जानलेवा विष की वजह से बदनाम है, उससे कहीं ज्यादा बदनाम लोगों को नींद में ही डंसने के लिए है. जी हां! सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन यह बात बिल्कुल सही है.

भारत के चार सबसे विषैले सांपों में से एक 
पिछले 22 वर्षों से वाइल्ड लाइफ पर कार्य कर रहे, एक्सपर्ट स्वप्निल खताल बताते हैं कि भारत के बिग फोर सांपों की लिस्ट शामिल कॉमन करैत लोगों को सोते समय डंसने के लिए बेहद बदनाम है. सबसे डरावनी बात तो यह कि इसके द्वारा डंसे जाने के बाद भी लोगों को इस बात का एहसास नहीं होता है कि उन्हें किसी सांप ने डंसा है. ऐसे में समय पर उपचार न होने की वजह से मृत्यु पक्की हो जाती है.

रात के अंधेरे में सक्रिय होते हैं
जानकारों की माने तो सांप कोल्ड ब्लडेड होते हैं, जिसकी वजह उन्हें हर वक्त गर्म जगह की तलाश में रहना पड़ता है. जहां तक बात कॉमन करैत की है, तो ये एक निशाचर सांप होते हैं, जो दिन की अपेक्षा रात के अंधेरे में सक्रिय रहना तथा शिकार ढूंढना ज्यादा पसंद करते हैं. गौर करने वाली बात यह है कि भोजन के रूप में ये सांप मुख्य रूप से छिपकली, मेंढक तथा चूहे खाना पसंद करते हैं, जिसकी तलाश में ये घरों तक आ पहुंचते हैं.

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गर्माहट की तरफ आकर्षित होते हैं
घरों में घुसने के बाद रात्रि का माहौल शांत होने की वजह से इन्हें घबराहट नहीं होती है. परिणामस्वरूप ये घर में आराम से रेंगते हुए बिस्तर तक जा पहुंचते हैं. बिस्तर पर इंसान के शरीर की गर्मी को महसूस कर ये उनकी तरफ बढ़ते हैं. अतः जैसे ही इनका स्पर्श इंसानों से होता है, आत्मरक्षा में वो तुरंत हमला कर देते हैं. भयावह बात यह है कि इनके दांत बेहद छोटे एवं सुई के समान पतले होते हैं. ऐसे में जब भी ये बाइट करते हैं, तो इंसानों को एहसास तक नहीं होता है और सही समय में इलाज न होने की वजह से नींद में ही उनकी जान चली जाती है.

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