उड़ीसा रेल हादसा; गोड्डा के दो मजदूरों की भी मौत, काम करने गए थे चेन्नई, घर पहुंचे शव
आदित्य आनंद/गोड्डा. एक गरीब की जरूरत जब उसके गांव, उसके शहर में पूरी नहीं हो पाती तो वह दो जोड़ी कपड़े लेकर दूसरे बड़े शहरों की ओर रुख करता है, ताकि अपने परिवार का भरण पोषण कर सके. लेकिन, जब उसी मजदूर के घरवालों को अचानक यह पता चले कि एक ट्रेन हादसे में उनके बेटे, भाई या पिता की मौत हो चुकी है तो कलेजा मुंह को आ जाता है.
उड़ीसा के बालासोर रेल दुर्घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है. सरकारी आंकड़े के मुताबिक करीब 288 लोगों की मौत इस हादसे में हुई है और 900 से अधिक लोग घायल हैं. मरने वालों में दो लोग गोड्डा के भी थे. आज जब उनके शव बारासोर से गोड्डा स्थित घर पहुंचे तो कोहराम मच गया. परिवार का आसरा तो छिन ही गया, अब दो जून की रोटी के लाले भी पड़ गए हैं.
बालासोर ट्रेन हादसे में महागामा प्रखंड अंतर्गत परसा गांव के कलेश्वर मिस्त्री के 56 वर्षीय पुत्र बच्चो मिस्त्री और तुलाराम भुस्का गांव के मो. शाहजहां के 28 वर्षीय बेटे मो. शमशाद की मौत हो गई. आज दोनों के शव उड़ीसा से घर पहुंचे. शव आते ही परिजनों में चीख पुकार मच गई. घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है. मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा थी. सभी परिवार को सांत्वना दे रहे थे.
‘पिता ही थे कमाने वाले’
मृतक बच्चो के बेटे धर्मेंद्र ने बताया कि वह चार बहन और दो भाई है, जिसमें तीन बहनों की शादी हो गई है और एक बहन कुवारी है. घर में एकमात्र बच्चो ही कमाने वाले थे. वही पूरे परिवार का भरण पोषण करते थे. पिता चेन्नई में रहकर मजदूरी किया करते थे. कुछ दिन के लिए घर आए थे. फिर काम पर चेन्नई जाने के लिए निकले थे. उसी दौरान रेल हादसे में उनकी मौत हो गई. उनकी मौत के बाद परिवार बेसहारा हो गया.
कोरोमंडल एक्सप्रेस से जा रहा था चेन्नई
वहीं, मेहरमा प्रखंड के तुलाराम भुस्का का के रहने वाले मो. शमशाद का शव गांव पहुंचने पर आसपास के कई गांव के लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई. मो. शमशाद अपनी पत्नी और 3 साल की बेटी के साथ कोलकाता स्थित रिश्तेदार के यहां गया था. वहां पत्नी व बेटी को छोड़कर एक जून को हावड़ा से कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार होकर चेन्नई जा रहा था, उसी दौरान हादसे का शिकार हो गया. हादसे में उसकी मौत की सूचना मिलने के बाद शमशाद के जीजा मो. बिलाल उसका शव गांव लेकर आए. मो. शमशाद भी चेन्नई में मजदूरी किया करता था.
गोड्डा के तीन और लोग घायल
गोड्डा के 3 और मजदूर इसी कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन से चेन्नई कमाने के लिए जा रहे थे. गनीमत रही की उनकी जान बच गई. सभी को चोटें आई हैं. इनमें गोड्डा के ठाकुरगंगटी प्रखंड के मोढिया गांव निवासी 14 वर्षीय मिथुन पंडित जो मजदूरी करता है. इसके हाथ में और कमर में गंभीर चोट है. दूसरा 40 वर्षीय मुकेश पंडित (राज मिस्त्री) जिसका सिर फटा है और पैर की अंगुली टूट गई है. वहीं, तीसरा 38 वर्षीय राजीव पंडित है. वह भी मजदूरी करता है. उसका एक हाथ टूट गया है. तीनों आज अपने घर पहुंचे हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 05, 2023, 19:20 IST