उत्तर और दक्षिण के बीच सेतु का काम करेगा अयोध्या का ये शिव मंदिर! सीएम योगी ने की प्राण प्रतिष्ठा


अयोध्या: अयोध्या में इस साल जनवरी में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बहुत ही धूमधाम से किया गया था. राम मंदिर के बाद अब दक्षिण भारतीय शैली में बने शिव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भी हो गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की है. इस दौरान बड़ी संख्या में साधु-संत भी शामिल थे. भगवान राम की नगरी में राम मंदिर आंदोलन की हृदय स्थली रामसेवकपुरम में दक्षिण भारत शैली में निर्मित शिव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा आज पूरी हुई. सीएम योगी रामसेवकपुरम में आयोजित शिव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में मौजूद रहे. इस मंदिर क स्थापना दक्षिण भारतीय परंपरा पर की गई है.

सीएम योगी आज 30 दिन के भीतर चौथी बार अयोध्या पहुंचे थे. सीएम योगी ने रामसेवक पुरम में शिव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लिया. साथ ही 25 फीट ऊंचे मंदिर के शिखर पर कलश भी स्थापित किया. यहां पहुंचने पर उनका दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार उनका स्वागत किया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दक्षिण भारत और अयोध्या का हजारों साल पुराना संबंध है आज इस संबंध को पुनः जीवंत किया जा रहा है .

अयोध्या और तमिलनाडु का एक विशेष रिश्ता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से संबोधन के दौरान कहा कि अयोध्या और तमिलनाडु का एक विशेष रिश्ता है. हजारों वर्ष पहले श्रीराम श्रीलंका में सीता माता की खोज के लिए निकले थे तब उन्होंने तमिलनाडु में भगवान शिव की आराधना की थी, जहां आज रामेश्वरम स्थापित है. भगवान शिव की कृपा से रामसेतु का भी निर्माण हुआ था. सीएम ने मंच पर संबोधन के दौरान कहा कि उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम संपूर्ण भारत एक है. इस संकल्प के साथ आध्यात्मिक परंपरा, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मान बिंदुओं की स्थापना करते हुए आगे बढ़ रही है. भारत उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक हर कालखंड में एक रहा है हमारा वैदिक साहित्य इस बात का उदाहरण प्रस्तुत करता है.

हर काल खंड में एक रहा है भारत
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि भारत के संतों की परंपरा, हमारे धर्मस्थल इन बातों के प्रमाण है सरकारी अलग-अलग रही हो लेकिन भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता को कभी भी खंडित नहीं होने दिया. भारत के ऋषि और संतों की परंपरा ने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जागरण के माध्यम से इसे पूरी मजबूती प्रदान की है.

FIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 16:32 IST



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